जबलपुर, मध्यप्रदेश के महाकौशल व श्री गुरुतेगबहादुर खालसा महाविद्यालय में पर्यावरण एवं समाज विषय पर एक दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस का आयोजन आईसीएआर-डीडब्ल्यूआर, अमेरिकन यूनिवर्सिटी (यूएसए) ग्लोकल इन्वायरॉनमेंट एण्ड सोशियल एसोशिएशन, नई दिल्ली, महाकौशल यूनिवर्सिटी एवं श्री गुरुतेगवहादुर खालसा महाविद्यालय के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजन किया गया, जिसमें भारतवर्ष के 18 से अधिक राज्यों तथा विदेशों के प्रतिभागी शामिल हुए.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के गुरुग्राम के शिकोहपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. भरत सिंह ने इंटर्नैशनल कॉनफ़्रेंश में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन. रासायनिक कीटनाशको के अनियमित प्रयोग पर नियंत्रण तथा पर्यावरण अनुरूप व जैव कारकों के साथ कृषि नवीनतम तकनीकों के प्रयोग पर बल दिया गया.
इस दौरान केवीके, गुरुग्राम द्वारा संचालित आर्या परियोजना के तहत “मशरूम उत्पादन एक सफल उद्यम” बिषय पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. भरतसिंह के द्वारा प्रस्तुति दी. साथ ही इस कॉन्फ़्रेन्स के दूसरे सत्र के दौरान गोभी फसल के प्रमुख हानिप्रद कीट डीबीएम (प्लूटील्ला जायलौसटील्ला) के समन्वित कीट प्रबंधन-आईपीएम के विभिन्न घटकों से सम्बंधित शोध पर आधारित पर्यावरण एवं फसलों में कीटनाशकों के बेतहाशा इस्तेमाल व इनके दुष्परिणामों पर व्याख्यान दिया गया.
कॉन्फ़्रेन्स के आयोजक विशेषज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा डॉ. सिंह के द्वारा किये गये कार्यों की सराहना की, जिसके लिए उन्हें विशेष “ग्लोकल सोसियल एसोशिएसन ऑनर” प्रमाण पत्र व अंगवस्त्रम प्रदान कर अलंकृत किया गया.
इस अवसर पर महाकौशल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आर. सी. मिश्रा, आईसीएआर-डीडब्लयूआर के निदेशक डॉ. जे.एस.मिश्रा, उप्र. पीएससी के माननीय सदस्य डॉ. ए. के. वर्मा, सीएसआईआर लखनऊ के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र कुमार, खालसा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर. एस. चंडोक एवं जीसा की सचिव व प्रोफ़ेसर डॉ. सुनीता आर्या की मौजूदगी रही.
डॉ. भरत सिंह ने अपनी इन उपलब्धियों का श्रेय आईएआरआई, पूसा संस्थान के निदेशक, संयुक्त निदेशक (प्रसार) केन्द्र की अध्यक्षा डॉ. अनामिका शर्मा, सहयोगी विशेषज्ञों व ज़िले के कृषक बंधुओं को दिया है.