नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन (एआईएम) और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने देश भर के स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच कृषि क्षेत्र से संबंधित नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी के साथ अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) को जोड़ने की शुरुआत की थी, जिससे विधार्थियो को शिक्षा एवं कृषि वैज्ञानिकों के सहयोग कृषि नवाचार विकसित करने का प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया जाए.
इस पहल में 11 कृषि विज्ञान केन्द्रों को 55 अटल टिकरिंग प्रयोगशालाओं से जोड़ा गया, जिसमें से एक कृषि विज्ञान केन्द्र दिल्ली भी है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विधालयों को एक कृषि के संबधित नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध करवाएगा. इसी संदर्भ में बुधवार (27 दिसंबर) को दिल्ली के अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) से जुड़े 5 स्कूलों- महाराजा अग्रसेन मॉडल स्कूल, पीतमपुरा, डी.ए.वी पब्लिक स्कूल, वसंत कुंज, ज्ञान मंदिर पब्लिक स्कूल, नारायणा विहार, बाल भारती पब्लिक स्कूल, द्वारका और रामजस इंटरनेशनल स्कूल, आर के पुरम के छात्रों के लिए कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा, दिल्ली में एक एक्सपोजर विजिट का आयोजन किया गया.
इस भ्रमण का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को केन्द्र में की जा रही कृषि के सबंधित गतिविधियों के बारे में जागरूक करना था. क्योकिं कृषि विज्ञान केंद्र, जो "एकल खिड़की कृषि ज्ञान संसाधन और क्षमता विकास केंद्र" के रूप में कार्य करता है एवं कृषि से संबंधित नवाचार का समर्थन करने के लिए इन ए.टी.एल से जुड़े स्कूलों के छात्रों के साथ सहयोग करेगा.
कार्यक्रम के शुरुआत में केवीके, दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. डी के राणा ने कार्यक्रम की शुरुआत की और किसानों और अन्य हितधारकों के बीच आधुनिक कृषि पद्धतियों पर ज्ञान और जानकारी का प्रसार करने में केवीके की भूमिका पर विस्तृत जानकारी दी. साथ में ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवीके नई और बेहतर प्रौद्योगिकियों, फसल किस्मों और पशुधन नस्लों को बढ़ावा देकर टिकाऊ कृषि को बढ़ावा दे रहे हैं और भूमि उत्पादकता बढ़ा रहे हैं.
उन्होंने कृषि क्षेत्र की समस्याओं का समाधान खोजने के लिए "एकीकृत शिक्षण दृष्टिकोण" अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया.डॉ. ऋतु सिंह, विशेषज्ञ (गृह विज्ञान) ने केवीके के द्वारा किसान कल्याण विभिन्न गतिविधियों के बारे में जागरुक किया. उन्होंने कृषि की विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए केन्द्र के सहयोग से क्षमता स्थापित करने के बारे में बात की.