भारत की प्रमुख फसल सुरक्षा और पोषण कम्पनियों में से एक ‘इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड’ ने अंगूर में लगने वाली बीमारी ‘डाउनी मिल्ड्यू’ के समाधान के लिए ‘मेड इन इंडिया’ स्टनर लांच किया है. स्टनर से अंगूर की फसल में ‘डाउनी मिल्ड्यू’ से बचाव की वजह से पैदावार भी बढ़ती है.
जब अंगूर की फसल में बीमारी लग जाती है, तो लगभग 20% से लेकर 80% पौधे नष्ट हो जाते हैं, जिस वजह से अंगूर के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. डाउनी मिल्ड्यू बीमारी से अंगूर की गुणवत्ता भी बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है.
इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश अग्रवाल ने स्टनर लांच के उपलक्ष्य में बताया कि ‘ऐसा पहली बार हुआ है कि इस टेक्निकल और फार्मुलेशन का निर्माण भारत में किया जा रहा है. अंगूर की पैदावार बेहतर बनाने के उद्देश्य से अंगूर के किसानों के लिए इस फंफूदीनाशक स्टनर को लांच किया गया है. पहले हमारे किसान आयात किये जाने वाले फंगीसाइड को इस्तेमाल करते थे. ‘मेक इन इंडिया’ पहल का पुरजोर समर्थक होने के नाते हमने स्टनर को भारत में बनाने का फैसला किया. स्टनर अंगूर में लगने वाली बीमारी डाउनी मिल्ड्यू का आधुनिक और असरदार समाधान है.’
इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड के वाईस प्रेसिडेंट संजय वत्स ने इस अवसर पर कहा, ‘अंगूर की ज्यादातर खेती पश्चिमी महाराष्ट्र में होती है, ख़ास करके नासिक, बारामती, सांगली, नारायण गाँव, सोलापुर और सतारा में सबसे ज्यादा होती है. इन जगहों पर अंगूर के किसानों को डाउनी मिल्ड्यू से राहत दिलाने में हमारा मेड इन इंडिया स्टनर बहुत मददगार साबित होगा. यह स्टनर बीमारी के खिलाफ पौधे के डिफेन्स मेकेनिज्म के रूप में कार्य करता है.’
इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड के मार्केटिंग-डीजीएम एन. बी.देशमुख ने बताया कि महाराष्ट्र के फसल सुरक्षा बाजार में अच्छी पकड़ है और हमारे उत्पाद जैसे कि सोफ़िया, मोनोसिल, हरक्युलिस, लीथल गोल्ड यहाँ के किसानों में काफी लोकप्रिय हैं. हमें पूर्ण विश्वास है कि स्टनर, शिनवा और इजुकी जैसे उत्पादों को लांच करने से हम किसानों को उनकी पहुँच में सम्पूर्ण समाधान प्रदान करने में कामयाब होंगे.’
इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड के बारे में
आईआईएल राजेश अग्रवाल के द्वारा स्थापित की गई स्वदेशी फसल सुरक्षा और पोषण उत्पाद बनाने वाली एक अग्रणी कम्पनी है. इस कम्पनी ने भारत में कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं. कंपनी ने जापान के निसान केमिकल कॉरपोरेशन के साथ मार्केटिंग टाई.अप की है. इसके अलावा ओएटी एग्रो, जापान; मोमेंटिव, अमेरिका; और निहोन नोहयाकु, जापान के अलावा भी कई कम्पनियां हैं, जिनके साथ आईआईएल का टाई.अप है.
आईआईएल फसलों की अलग-अलग जरूरतों के आधार पर समय-समय पर कीटनाशक, खरपतवारनाशक, फंफूदीनाशक और पीजीआर उत्पादों को लांच करता रहा है. 105 ब्रांडेड फॉर्मूलेशन, 21 तकनीकी और 380+ SKU के कारण, IIL किसानों को फसलों की अच्छी पैदावार प्रदान करके देश के कृषि क्षेत्र को सहयोग देने के लिए कटिबद्ध है. प्रतिष्ठित ‘‘ट्रैक्टर ब्रांड’’की लोकप्रियता इस उपलब्धि का एक ठोस उदाहरण है और ट्रैक्टर ब्रांड पूरे देश के किसानों में प्रचलित है.
आईआईएल के पास चोपांकी (राजस्थान), सांबा उधमपुर (जम्मू और कश्मीर) और दहेज (गुजरात) में अत्याधुनिक फार्मुलेशन फैसिलिटीज हैं. आईआईएल के पास चोपांकी और दहेज़ में टेक्निकल ग्रेड केमिकल्स की मैनुफैक्चरिंग के लिए टेक्निकल सिंथेसिस प्लांट भी हैं, जो टेक्निकल ग्रेड के केमिकल्स को बनाते हैं और बैकवर्ड इंटीग्रेशन द्वारा द्वारा प्रतिस्पर्धी बढ़त प्रदान करते हैं. नई उत्पाद खोज अनुसंधान एवं विकास केंद्र, जापान के ओएटी एग्रो के साथ एक संयुक्त उद्यम, आईआईएल के 4 विशिष्ट अनुसंधान एवं विकास केंद्रों में से एक है, जो विभिन्न विषयों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
आईआईएल ने उत्तर प्रदेश के शामली में एक बायोलॉजिकल रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी स्थापित की है, जिसने माइकोराजा और केके प्रो जैसे बायोलॉजिकल (जैविक) उत्पादों को बनाया है.
कम्पनी ने सोशल मीडिया पर ‘इंसेक्टिसाइड जरूरी है’ नाम की एक पहल भी चलाई है. किसानों के द्वारा ही हम जो कुछ भी खाते हैं उसका उत्पादन होता है इसके लिए कम्पनी ने उन्हें धन्यवाद दिया है. इसके अलावा कम्पनी का मुख्य फोकस रहता है कि किसानों में कीटनाशकों के प्रति फैले गलत विचार को कम किया जाए और कीटनाशक के समझदारी भरे इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाए.