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Updated on: 10 July, 2025 1:38 PM IST
कृषि नीति, उद्योग और जैविक नवाचार पर देश के शीर्ष विशेषज्ञों की सहभागिता

उत्तर प्रदेश सरकार तथा उड़ीसा, बिहार, हरियाणा और गोवा राज्य सरकारों की विशिष्ट सहभागिता में राजधानी दिल्ली में आयोजित 16वां एग्रीकल्चर लीडरशिप कांक्लेव 2025 भारतीय कृषि नीति, नवाचार और नेतृत्व का एक ऐतिहासिक मंच बनकर उभरा. इस कांक्लेव के अंतर्गत आयोजित सत्र "कृषि तथा उद्योगों की सहभागिता एवं लाभदायक कृषि "पर राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने गहन विमर्श किया. इस सत्र की अध्यक्षता की डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने , जो कि देश के सर्वाधिक शिक्षित किसान, प्रसिद्ध पर्यावरण विधि विशेषज्ञ, और सात बार ‘सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार’ से सम्मानित हैं. वे ऑल इंडिया फार्मर्स अलायंस (AIFA) के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं.

विशेष बात यह रही कि डॉ. त्रिपाठी का संबंध छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर अंचल स्थित "कला ग्राम कोंडागांव" से है, जहाँ उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों और परंपरागत ज्ञान को वैज्ञानिक पद्धति से समन्वित करते हुए नैचुरल ग्रीन हाउस का सफल माडल  विकसित किया है. यह मॉडल अब राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रेरणा स्रोत बन चुका है.

विशेषज्ञों की गरिमामयी उपस्थिति और विचार: इस विचारगर्भित सत्र में कृषि, उद्योग और नीति-निर्माण से जुड़े देश के अग्रणी विशेषज्ञों ने भाग लिया. पाशा पटेल, महाराष्ट्र किसान आयोग के अध्यक्ष ने मांस रोपण और सरकारी नीतियों की व्याख्या की. युद्धवीर सिंह, महासचिव, भारतीय किसान यूनियन ने रासायनिक खादों के दुष्प्रभाव और जैविक कृषि की अनिवार्यता पर प्रकाश डाला. पद्म  कंवल सिंह चौहान ने खेती में नवाचार और उद्यमिता को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया. बी.के. लाभ, उपाध्यक्ष, जैन इरिगेशन सिस्टम्स लिमिटेड ने सिंचाई नवाचारों की भूमिका पर चर्चा की.डॉ. वाई.एस. सेहरावत, निदेशक, IFDC तथा डॉ. प्रफुल गाडगे, CEO, Biome ने उर्वरक दक्षता और टिकाऊ कृषि प्रथाओं की आवश्यकता पर बल दिया.

दिल्ली में संपन्न हुआ 16वां एग्रीकल्चर लीडरशिप कांक्लेव 2025

बस्तर से वैश्विक मंच तक: कोंडागांव मॉडल का आमंत्रण : सभी विशेषज्ञों के विचारों मुख्य बिंदुओं को सम्मिलित करते हुए अपने समापन भाषण में डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि किसानों और उद्योगों को एक-दूसरे का पूरक बनना होगा, ताकि लाभ का न्यायसंगत वितरण संभव हो सके. उन्होंने बस्तर में विकसित नई काली मिर्च किस्म का उल्लेख किया, जो पारंपरिक किस्मों की तुलना में चार गुना अधिक उत्पादन देती है.

उन्होंने मंच से सभी विशेषज्ञों को कोंडागांव में स्थापित Natural Greenhouse Model को प्रत्यक्ष देखने के लिए आमंत्रित किया, जिसमें ऑस्ट्रेलियन टीक, काली मिर्च और वन औषधीय पौधों की अंतर्विवर्ती जैविक खेती को अत्यंत वैज्ञानिक पद्धति से अपनाया गया है.

डॉ. त्रिपाठी ने यह भी साझा किया कि यह मॉडल हरियाणा और राजस्थान में भी सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है, जहाँ भारतीय किसान महासंघ के महासचिव युद्धवीर सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान इसे अपनाने बसतरहे हैं.

ऑस्ट्रेलियन टीक के पेड़ों से तैयार 'नेचुरल ग्रीन हाउस' में होती है इमारती लकड़ी,काली मिर्च, व औषधीय पौधों की अंतर्विवर्ती जैविक खेती

एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड: सम्मान और प्रेरणा: 16वें एग्रीकल्चर लीडरशिप कांक्लेव के समापन समारोह में आयोजित  एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड 2025 में देश की कृषि नीति, नवाचार और नेतृत्व से जुड़ी प्रतिष्ठित हस्तियों को सम्मानित किया गया. जैन समिति के अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस सतशिवम थे‌. इन पुरस्कारों का वितरण रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, उड़ीसा के उपमुख्यमंत्री कनकवर्धन सिंह देव, उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह, पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी. सतशिवम, और  डॉ. एम.जे. खान चेयरमैन एटीजी ग्रुप की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया.

इस भव्य आयोजन के सफल क्रियान्वयन में संयोजक हेरिश खान, रजनी शालीन चोपड़ा और उनकी टीम की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही. इस अंतरराष्ट्रीय कांक्लेव में देशभर के कृषि, उद्योग और नीति-निर्माण से जुड़े वरिष्ठ गणमान्य जन उपस्थित रहे.

प्रेस कार्यालय: मां दंतेश्वरी हर्बल समूह, कोंडागांव बस्तर, छत्तीसगढ़।

English Summary: Innovation of Bastar Chhattisgarh got platform and honour in Agriculture Leadership Conclave-25
Published on: 10 July 2025, 01:43 PM IST

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