Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 10 November, 2022 11:29 AM IST
आई एंड बी (I&B) की सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा है कि प्रसारकों के साथ चर्चा करने के बाद हम जल्द ही इस तरह की सामग्री के प्रसारण के लिए समय स्लॉट और आदेश के कार्यान्वयन की तारीख से संबंधित सूचना जारी कर दी जाएगी. (प्रतीकात्मक फोटो-सोशल मीडिया)

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में टेलीविजन चैनलों के ‘अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश 2022’ को मंजूरी दे दी है. इस आदेश के तहत चैनलों के लिए राष्ट्रीय और सार्वजनिक हित में सामग्री प्रसारित करना अनिवार्य हो गया है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि चैनलों को इस तरह की सामग्री तैयार करने के लिए समय दिया जाएगा.

एयरवेव्स/फ्रीक्वेंसी सार्वजनिक संपत्ति: केंद्र

नए दिशा-निर्देशों के तहत हर दिन कम से कम 30 मिनट का समय ‘लोकसेवा और राष्ट्रीय हित’ से संबंधित सामग्री के प्रसारण के लिए दिया जाना है, कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए चैनलों को आठ थीम दी गई है. सरकार का इस आदेश के पीछे तर्क यह है कि एयरवेव सार्वजनिक संपत्ति है और समाज के सर्वोत्तम हित में इसका उपयोग करने की आवश्यकता है.

केंद्र के अनुसार, एयरवेव्स/फ्रीक्वेंसी सार्वजनिक संपत्ति हैं इसलिए इसका समाज और देशहित के लिए उपयोग करने की आवश्यकता है, एक कंपनी/एलएलपी के पास इन दिशानिर्देशों के तहत एक चैनल को अपलिंक करने और भारत में इसकी डाउनलिंकिंग (केवल भारत में डाउनलिंक किए गए विदेशी चैनलों के अलावा) के लिए अनुमति है.

चैनलों की होगी निगरानी

आई एंड बी (I&B) सचिव, अपूर्व चंद्रा ने कहा कि प्रसारकों के साथ चर्चा करने के बाद हम जल्द ही इस तरह की सामग्री के प्रसारण के लिए समय स्लॉट और आदेश के कार्यान्वयन की तारीख से संबंधित सूचना जारी करेंगे.
निर्देश के एक बार लागू होने के बाद, मंत्रालय, चैनल इस तरह की सामग्री प्रसारित कर रहे हैं या नहीं इसकी निगरानी करेगा. 

इन चैनलों को मिल सकती है छूट

नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सैटेलाइट टीवी चैनल के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए आवेदन अब गृह मंत्रालय और जहां भी आवश्यक हो अन्य प्राधिकरणों द्वारा मंजूरी और अनुमोदन के अधीन होगा. प्रसारण कंपनियों को भारतीय टेलीपोर्ट से विदेशी चैनलों को अपलिंक करने की भी अनुमति होगी. इससे प्रसारण व्यवसाय में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और भारत अन्य देशों के लिए टेलीपोर्ट हब बन जाएगा.

मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह शर्त सभी चैनलों (कुछ विशेष चैनलों को छोड़कर) पर समान रूप से लागू होगी. स्पोर्ट्स चैनल पर लाइव टेलीकास्ट के दौरान, वाइल्डलाइफ और विदेशी चैनलों पर आदेश अनुपालन में छूट मिल सकती है.

ये भी पढ़ें-NMNF Portal Launch: सरकार ने प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए एनएमएनएफ पोर्टल किया लांच, जानें किसानों को कैसे देगा लाभ

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के आदेश के अनुसार, राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर दिन में कम से कम 30 मिनट के लिए टीवी कार्यक्रमों पर ये 8 थीम होना अनिवार्य है-

  1. सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा
  2. राष्ट्रीय एकता
  3. शिक्षा और साक्षरता
  4. कृषि और ग्रामीण विकास
  5. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण
  6. विज्ञान और प्रौद्योगिकी
  7. महिला कल्याण
  8. कमजोर वर्गों का कल्याण
English Summary: Information and broadcast ministry guideline for channels to broadcast 30 minutes programs related to national interest daily on television
Published on: 10 November 2022, 12:58 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now