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Updated on: 26 June, 2019 3:27 PM IST

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण को उन्नत और व्यापक रूप प्रदान करने के लिये मुख्यमंत्री  कमल नाथ के प्रयास से एकीकृत बागवानी मिशन के अंतर्गत अब छिंदवाडा जिले में भारत-इजराईली तकनीकी से एकीकृत बागवानी मिशन को एक नई पहचान और उंचाईयां मिलेगी. इस मिशन के अंतर्गत  इजराईल एम्बेसी के काउंसलर  डेनअलफ ने छिन्दवाड़ा पहुंचकर एकीकृत बागवानी मिशन के अंतर्गत नीबू वर्गीय फसल संतरा और फ्लोरीकल्चर के लिये जगह का अवलोकन किया.  इजराइल एम्बेसी के काउंसलर डेन अलफ इंटरनेशन डेवलपमेन्ट कॉर्पोरेशन साइंस एंड एग्रीकल्चर (मासव) के क्षेत्र में एक जाने माने वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, कृषक और डिप्लोमेट भी हैं. 

इजराइली तकनीकों से की जाएगी खेती

काउंसलर  डेन अलफ ने  कवीन्द्र कियावत,आयुक्त उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण  जबलपुर संभागायुक्त राजेश बहुगुणा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  वरदमूर्ति मिश्रा, कृषि वैज्ञानिक डॉ.डी.एल.टांडेकर, डॉ.सुरेन्द्र पन्नासे, डॉ.एस.डी.सावरकर, डॉ.जगदीश बारसकर, उप संचालक उद्यानिकी भोपाल डॉ.पूजा सिंह, एस.डी.एम. हिमांशु चंद्र आदि के साथ रेमण्ड गेस्ट हाउस में बैठक कर एकीकृत बागवानी मिशन पर इजराईली तकनीकी के प्रयोग के डीपीआर पर विस्तार से चर्चा की. चर्चा के दौरान  डेनअलफ ने उद्यानिकी के क्षेत्र में उनके देश में व स्वयं के द्वारा किये गये उन्नत प्रयासों व उनके प्रतिफल के बारे में बताकर छिन्दवाड़ा में भी ऐसा ही करने को कहा. चूंकि संतरा के लिये सौंसर का क्षेत्र अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों से भरपूर है. साथ ही सौंसर का संतरा देश में उत्पादित अन्य जगहों की तुलना में ज्यादा स्वादिष्ट है.  डेनअलफ ने अधिकारियों के साथ कुड्डम जाकर वहां की परिस्थितियों का अध्ययन  किया और कहा कि सौंसर के कुड्डम में उद्यानिकी के लिये सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनायेंगे. उन्होंने आस-पास के कृषकों से भी मिलकर चर्चा की और उनके संतरा बगीचे देखे.

संतरे की खेती पर होगा विशेष ध्यान

डेन अलफ ने ग्राम जाम में कृषक नारायण रावत के संतरे के बगीचे पर जाकर उनके उत्पादन, बीमारियां, मिट्टी, पानी, ड्रिप सिस्टम, पॉलीहाउस आदि का अवलोकन उनके संबंध में बाते की और इजराईली तकनीकी के बारे में बताया, किंतु उन्होंने यह भी कहा कि यह तकनीक धीरे-धीरे अपनायें. कुड्डम में 52 एकड़ में इजराईली  तकनीक से एकीकृत बागवानी मिशन के अंतर्गत नीबू वर्गीय फसल संतरा का उत्पादन करने की सहमति बनी. इसी प्रकार ग्राम खूनाझिर में 10 एकड़ जमीन पर फ्लोरीकल्चर किया जायेगा. उन्होंने उद्यानिकी के नये आयाम को विस्तृत रूप में प्रस्तुत करते हुये कहा किया कि भारत- इजराईल के संयुक्त प्रयासों से जिले में एकीकृत बागवानी मिशन को नई उंचाईयों पर ले जाने के लिये हर संभव प्रयास किया जायेगा. इससे क्षेत्र में जहां उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण को नई गति मिलेगी, वही किसानों द्वारा वैसी तकनीक अपनाकर उद्यानिकी को एक व्यवसाय में परिवर्तित किया जा सकेगा जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी से बढ़ोत्तरी होगी और जीवन स्तर में सुधार आयेगा. 

English Summary: Indo-Israel Agro Project to establish center of excellence in Chhidnwada
Published on: 26 June 2019, 03:31 PM IST

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