रूस-यूक्रेन के बीच बढ़ते विवाद ने दुनिय भर की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दुनियाभर में स्थितियां इस वक्त काफी गंभीर है. भारत की अगर बात करें, तो कई राज्यों में चुनाव की गतिविधियाँ अपने चरम पर है. ऐसे में यह युद्ध कई चीजों के मायने को बदलकर रख सकता है.
रूस से भारत के गहरे व्यापारिक संबंध की वजह से भारत के लिए युद्ध का बढ़ना चिंता का विषय है. इस बीच दुनियाभर से रूस पर लगते प्रतिबंधों की वजह से भारतीय निर्माता और निर्यातकों ने अपनी चिंता जाहिर की है.
इस पर वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) द्वारा नियंत्रित फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) ने अपने दायरे में आने वाली 25 एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल को कहा है कि कृषि (Agriculture), फार्मास्युटिकल (Pharmaceutical) और पेट्रोलियम प्रोडक्ट (Petroleum products) के निर्यात को लेकर चिंता ना करें.
रूस पर लगाए जा रहे कई प्रतिबंध (Many sanctions being imposed on Russia)
रूस पर अमेरिका सहित तमाम देशों द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंधों के बीच FIEO का यह कहना है कि आप निर्यात को लेकर चिंता ना करें. 27 फरवरी को अमेरिका की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस एजेंसी (Office of Foreign Assets Control) (OFAC) ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंधों की घोषणा की थी.
ओएफएसी (OFAC) अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के उद्देश्यों के समर्थन में आर्थिक और व्यापार प्रतिबंधों को लागू और मैनेज करता है. यूक्रेन पर रूस के हमले के जवाब में यह रूसी व्यक्तियों और संस्थाओं पर पिछले कुछ दिनों में लगातार कई तरह के प्रतिबंध लगा रहा है.
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आयात-निर्यात के लिए लाइसेंस जारी (License issued for import-export)
FIEO ने अपने निर्यात संवर्धन परिषदों (export promotion councils) से सदस्यों को इस संबंध में छूट और दिशानिर्देशों से अवगत कराने के लिए कहा है, जो OFAC ने जारी किए है. साथ लेन-देन के लिए आठ लाइसेंस के बारे में भी बताने को कहा है. FIEO के शीर्ष अधिकारियों ने कहा है कि इन दिशा-निर्देशों के तहत रूस को कृषि, फार्मा और पेट्रोलियम उत्पादों के हमारे निर्यात को प्रतिंबधों के अंदर नहीं रखा जाएगा.
वाणिज्य मंत्रालय के निर्यात संगठन निकाय ने अपने सदस्यों को बताया कि “विशेष रूप से, OFAC ने आठ सामान्य लाइसेंस जारी किए हैं.
इसके तहत अंतरराष्ट्रीय संगठनों और संस्थाओं को कृषि और चिकित्सा वस्तुओं व COVID-19 महामारी, ओवरफ्लाइट व आपातकालीन लैंडिंग, ऊर्जा, ऋण में लेनदेन से संबंधित कुछ ट्रांजेक्शन को अधिकृत करते हैं.