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Updated on: 1 November, 2019 5:28 PM IST

हर साल पराली की समस्या के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होता है. इसके कारण एक तरफ जहां पर्यावरण को भयंकर हानि हो रही है, वहीं हमारे स्वास्थ को भी भारी नुकसान हो रहा है. इतना ही नहीं पराली को जलाने से आपके खेतों की गुणवत्ता को भी क्षति पहुंचती है. लेकिन अब पराली की समस्या का रामबाण इलाज भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा के वैज्ञानिकों ने खोज निकाला है. ये इलाज अति सरल एवं सस्ता है.

दरअसल वैज्ञानिकों ने एक ऐसे कैप्सूल का निर्माण किया है जो पराली को अपने आप सड़ाकर खाद में बदल देता है. सबसे अच्छी बात ये है कि इस प्रक्रिया के दौरान ना तो पर्यावरण को किसी तरह की हानि होती है एवं ना ही आपके सेहत पर दुष्रभाव पड़ता है. इस कैप्सूल का दाम मात्र 5 रुपये है और इसे माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल साइंटिस्ट युद्धवीर सिंह एवं उनकी टीम ने विकसित किया है. हालांकि अभी तक ये कैप्सूल बाजार में उपलब्ध नहीं हो सका है. इसलिए इसे लेने के लिए किसानों को स्वयं पूसा ही आना पड़ेगा.

दिल्ली के लिए गैस चेंबर है पराली

बता दें कि पराली जलाने के कारण पर्यावरण को भारी क्षति होती है, जिससे लोगों के स्वास्थ पर खतरनाक प्रभाव पड़ता है. दिल्ली-एनसीआर तो हर साल जहरीले धुएं की चादर में लिपटकर गैस चेंबर में तब्दील हो जाता है.

उर्वता शक्ति खत्म करता है पराली

पराली जलाने के कारण खेतों के सूक्ष्म जीव मर जाते हैं, जिस कारण मिट्टी की उर्वता शक्ति खत्म हो जाती है. इतना ही नहीं पराली से जमीन के बंजर होने का खतरा बना रहता है. वहीं कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक पराली को जलाने की अपेक्षा कुछ दिनों तक खेतों में पड़े रहने देना चाहिए. इससे मिट्टी की उर्वक शक्ति बढ़ती है.

पराली को लेकर सरकार है गंभीर

पराली की समस्या पर सरकार लगातार गंभीर बनी हुई है. अलग-अलग राज्यों की सरकारों ने दर्जन भर योजनाएं एवं जागरूक्ता अभियान चला रखा है. डेढ़ लाख तक की मशीनों को सरकार 50 फीसदी सब्सिडी पर दे रही है, लेकिन फिर भी इस महंगें विकल्प को किसान अभी तक अपना नहीं सकें हैं.

English Summary: indian institute of agricultural research launched special parali know more about it
Published on: 01 November 2019, 05:30 PM IST

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