Aaj Ka Mausam: देश के इन 3 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें अगले 4 दिन कैसा रहेगा मौसम? Kisan Credit Card: किसानों को अब KCC से मिलेगा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें कैसे उठाएं लाभ? Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 14 March, 2023 4:05 PM IST
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और विश्व बैंक भारत में राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (एनएएचईपी) के तहत "कृषि में उच्च शिक्षा के लिए मिश्रित शिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र" पर पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की घोषणा की है.

दिल्ली में 21-23 मार्च तक आयोजित होने वाले इस तीन दिवसीय कार्यक्रम की मेजबानी आईसीएआर - आईएएसआरआई द्वारा की जाएगी. इस सम्मेलन का उद्देश्य अकादमिक, उद्योग, सरकार, और बहुपक्षीय और द्विपक्षीय संगठनों के भागीदारों के वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास की सुविधा प्रदान करना है, जो कृषि शिक्षा प्रणाली के सभी पहलुओं के डिजाइन और पूर्ण पैमाने पर कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण सुविधा प्रदान करेगा.

इस कार्यक्रम में आकर्षक चर्चाओं के अलावा, तीन दिवसीय कार्यक्रम में कृषि और मिश्रित शिक्षा के क्षेत्र में विविध प्रकार की सेवाओं और पेशकशों पर एक प्रदर्शनी भी प्रदर्शित की जाएगी. सम्मेलन और प्रदर्शनी का उद्घाटन कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर करेंगे. इस दौरान कार्यक्रम में अन्य वैश्विक अग्रणी संस्थानों जैसे एआईसीटीई, आईआईटी, आईआरआरआई सहित कई अन्य मंत्रालय भी भाग लेंगे.

सम्मेलन को संबोधित करने वाले प्रमुख वक्ताओं में डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरई) और महानिदेशक (डीजी), आईसीएआर, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, डॉ. आर.सी. अग्रवाल, कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक शामिल हैं. (आईसीएआर), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, और डॉ. अगस्टे तानो कौमे, कंट्री डायरेक्टर, द वर्ल्ड बैंक आदि शामिल हैं.

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार, भारत में कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था के सकल मूल्य (जीवीए) में 17-18 प्रतिशत का योगदान देता है और 40 प्रतिशत से अधिक कार्यबल को रोजगार देता है. फसल स्वास्थ्य और उत्पादन में सुधार और निगरानी के लिए किसान नई तकनीकों को अपना रहे हैं. ब्लेंडेड लर्निंग को सही मायने में अपनाने में अपार क्षमता है और यह कृषि अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है.

डॉ. अग्रवालउप महानिदेशकआईसीएआर ने कहा

“सम्मेलन का फोकस दूरस्थ शिक्षा, डिजिटल शिक्षा और मिश्रित शिक्षा प्रणालियों के क्षेत्र में काम करने वाली कई कार्यान्वयन एजेंसियों के बीच सहयोग को मजबूत करना है. यह एनएएचईपी के तहत लचीली कृषि शिक्षा प्रणाली (आरएईएस) की तैनाती में तेजी लाने के लिए डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के साथ तालमेल स्थापित करने में भी मदद करेगा.

ये भी पढ़ेंः विज्ञान और नवाचार से भारत का तेजी से हो रहा है विकास- केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर

एनएएचईपी, जिसे विश्व बैंक और भारत सरकार के बीच 50:50 लागत साझा करने के आधार पर प्रस्तावित किया गया था, आईसीएआर द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में पांच वर्षों के लिए कुल 165 मिलियन डॉलर की लागत के साथ तैयार किया गया था. यह देश में राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए शुरू किया गया था.

English Summary: Indian Council of Agricultural Research announces first international conference with World Bank
Published on: 14 March 2023, 04:11 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now