नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा कि भारत को दूध की बिक्री के लिए विदेशों में बाजार तलाशना होगा, क्योंकि हर वर्ष छह फीसदी की दर से हमारा उत्पादन बढ़ रहा है. इंडियन डेयरी एसोसिएशन (आईडीए) द्वारा यहां आयोजित 49वें डेयरी उद्योग सम्मेलन और एक्सपो में बोलते हुए चंद ने कहा कि हमें विदेशी देशों को आपूर्ति श्रृंखला बढ़ाने की जरूरत है, ताकि देश में निर्यात को बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा, "एक समय में हम अमेरिका की तुलना में कम दूध का उत्पादन कर रहे थे और आज हम अमेरिका की तुलना में दोगुना दूध का उत्पादन करते हैं. 1960 के दशक में हमारे दूध उत्पादन की वृद्धि दर लगभग 1 प्रतिशत थी लेकिन अब यह छह प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई है.
उन्होंने कहा कि 1950-51 में देश में प्रति व्यक्ति दूध की खपत केवल 124 ग्राम प्रतिदिन थी और 1970 तक यह आंकड़ा घटकर 107 ग्राम प्रतिदिन रह गया था. देश में दूध की दैनिक खपत 1970 में प्रति व्यक्ति 107 ग्राम के निचले स्तर से बढ़कर 2020-21 में 427 ग्राम प्रति व्यक्ति हो गई है. भारत हर साल 22 करोड़ टन से अधिक दूध का उत्पादन कर रहा है और प्रति व्यक्ति दूध की खपत देश में संतृप्त हो गई है, जिस कारण दूध के लिए बाजार खोजना बहुत जरूरी है. इसके लिए भारत को विदेशों में आपूर्ति श्रृंखला बनानी चाहिए.
उन्होंने कहा, कृषि क्षेत्र की वृद्धि 3.2 प्रतिशत है, जिसमें से आधा योगदान डेयरी और पशुपालन उद्योग का है. डेयरी उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों को सूचीबद्ध करने के लिए प्रति पशु दूध उत्पादकता , नस्ल सुधार और डेयरी उद्योग में रसायनों के उपयोग से दूध उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना किया जा सकता है.
केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि भारत को दुनिया की डेयरी के रूप में उभरने के लिए नस्ल सुधार और पशु उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा, हमारी सरकार का उद्देश्य भारत को दुनिया के अग्रणी डेयरी राष्ट्र के रूप में उभारना है.
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आईडीए के अध्यक्ष आरएस सोढ़ी ने कहा कि 1996 से अब तक गुजरात में दूध का उत्पादन नौ गुना बढ़ गया है. पिछली बार गुजरात ने 1996 में आनंद में डेयरी उद्योग सम्मेलन की मेजबानी की थी. तब से डेयरी उद्योग द्वारा की गई प्रगति बेजोड़ है. भारत का दूध उत्पादन केवल 71 मिलियन टन से अब 222 मिलियन टन हो गया है. उन्होंने कहा, भारत का दूध उत्पादन तीन गुना बढ़ गया है, लेकिन गुजरात में यह 30 लाख लीटर प्रतिदिन से नौ गुना बढ़कर 270 लाख लीटर हो गया है.