भारत का दुग्ध उत्पादन 2023-24 में 4% बढ़कर हुआ 239 मिलियन टन, देश को दूध निर्यातक बनाने का लक्ष्य! आयस्टर मशरूम की खेती: पोषण, पर्यावरण और आय बढ़ाने का आसान तरीका अगले 48 घंटों के दौरान इन 7 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, पढ़ें IMD की लेटेस्ट रिपोर्ट! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 27 November, 2024 1:53 PM IST
भारत का दुग्ध उत्पादन 2023-24 में 4% बढ़कर हुआ 239 मिलियन टन (Picture Credit - PIB)

दूध की बेहतर उत्पादकता के चलते भारत का दुग्ध उत्पादन 2023-24 में लगभग 4 प्रतिशत बढ़कर 239 मिलियन टन तक पहुंच गया है, जो देश के लिए किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है. क्योंकि भारत अब दूनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बन गया है. आपकी जानकारी के लिए बदा दें, 2023-24 में भैंसों के दूध उत्पादन में सालाना 16 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है, लेकिन इसके बाद भी भारत ने दूध उत्पादन में वृद्धि दर्ज की है. बता दें, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने कल यानी 26 नवंबर को नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2024 मनाया. इस कार्यक्रम में भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन की 103वीं जयंती मनाई गई.

प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता में भारत की बढ़त

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था में डेयरी क्षेत्र की अहम भूमिका पर जोर देते हुए बताया कि यह क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5% का योगदान देता है और 8 करोड़ से ज्यादा किसानों और खासकर महिलाओं को रोजगार प्रदान करता है. भारत दूध उत्पादन में दुनिया में पहले स्थान पर है, जो वैश्विक उत्पादन का 24% है. 2022-23 में दूध उत्पादन 230.58 मिलियन टन तक पहुंचने और प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 459 ग्राम प्रतिदिन होने का अनुमान है, जो विश्व औसत 323 ग्राम से काफी अधिक है.

मंत्री ने डेयरी क्षेत्र को संगठित करने, गुजरात के सहकारी मॉडल को अपनाने, और नई तकनीकों जैसे सेक्स सॉर्टेड सीमेन का उपयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने पशुधन डेटा, नस्ल सुधार, और खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियों के उन्मूलन के लिए किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए भारत को भविष्य में दूध निर्यातक बनाने का लक्ष्य रखा.

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महिलाओं और युवाओं का डेयरी क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने अपने संबोधन में भारत के डेयरी क्षेत्र में महिलाओं और युवाओं के योगदान की सराहना की. उन्होंने उन्हें इस उद्योग में नेतृत्व की भूमिका निभाने और दीर्घकालिक स्थिरता के लिए नई और उन्नत प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया. मंत्री ने वैश्विक दूध उत्पादन में भारत को शीर्ष पर बनाए रखने के लिए विभाग और सभी संबंधित पक्षों के प्रयासों की भी सराहना की.

उन्होंने बताया कि वैश्विक दूध उत्पादन की वार्षिक वृद्धि दर 2 प्रतिशत है, भारत का उत्पादन 6 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है. इसके अलावा, मंत्री ने कृत्रिम गर्भाधान (एआई) दर को बढ़ाने, सेक्स-सॉर्टेड वीर्य और आईवीएफ जैसी बेहतर प्रजनन तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया. उन्होंने खुरपका और मुंहपका रोगों के उन्मूलन के लिए नियमित टीकाकरण की महत्ता पर भी जोर दिया, जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी.

डेयरी सहकारी समितियों का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने भारतीय अर्थव्यवस्था में डेयरी सहकारी समितियों के महत्वपूर्ण योगदान और महिला सशक्तिकरण में उनकी भूमिका की सराहना की. उन्होंने बताया कि डेयरी सहकारी समितियां न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि का माध्यम हैं, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी अहम भूमिका निभा रही हैं. मंत्री ने डेयरी मूल्य श्रृंखला में समान विकास सुनिश्चित करने के लिए, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, मजबूत बुनियादी ढांचे और पशु चिकित्सा सहायता प्रणालियों की आवश्यकता पर जोर दिया.

किसानों को प्रशिक्षण देकर समावेशी विकास

पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) की सचिव अलका उपाध्याय ने दूध उत्पादकता में सुधार के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे वैज्ञानिक हस्तक्षेपों को उजागर किया. उन्होंने कहा कि विभाग ग्रामीण डेयरी बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण, बाजार संपर्क को बढ़ावा देना और किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करके समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है. इसके अलावा, उन्होंने दीर्घकालिक विकास के लिए आनुवंशिक सुधार और उन्नत प्रजनन तकनीकों जैसे वैज्ञानिक उपायों के महत्व पर भी जोर दिया. इन उपायों के माध्यम से दूध उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों की आय में सुधार लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.

English Summary: india milk production increased 4 percent to 239 million tonnes aiming make country a milk exporter
Published on: 27 November 2024, 01:56 PM IST

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