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Updated on: 30 September, 2023 3:33 PM IST
Water Conservation

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में पहली बार 'जल विश्वविद्यालय' खुलने जा रहा है. यह विश्वविद्यालय हमीरपुर जिले के लगभग 25 एकड़ जमीन पर बनेगा, जोकि दुनिया का पहला 'जल विश्वविद्यालय' होगा. बता दें कि इसमें सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश के भी छात्रों को जल संरक्षण का पाठ पढ़ाया जाएगा यानी की इस विश्वविद्यालय में हर तरह के बच्चे दाखिला ले सकते हैं. दुनियाभर में पानी की कमी से पैदा होने वाली परेशानियां और इसके समाधान के लिए आधुनिक तकनीकों की खोज के बारे में लोगों को पढ़ाया जाएगा और साथ ही उन्होंने जल संकट को कैसे रोका जाए इसके बारे में भी नई तकनीक सिखाई जाएगी.

बता दें कि इस 'जल विश्वविद्यालय' में यूजीसी के मानकों के अनुसार ही स्नातक व परास्नातक के पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे, जो बच्चों के भविष्य के साथ-साथ जल संकट की परेशानी को भी रोकने में मददगार साबित होंगे. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-

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किसने की 'जल विश्वविद्यालय' की शुरुआत

मिली जानकारी के मुताबिक, 'जल विश्वविद्यालय' बनाने की पहल स्वीडन में पर्यावरण वैज्ञानिक प्रो. रविकांत पाठक और पद्मश्री से सम्मानित जल योद्धा उमाशंकर पांडेय ने की, जोकि हमीरपुर जिले के ही रहने वाले हैं. इन्होंने भविष्य में आने वाली पानी की परेशानी को देखते हुए 'जल विश्वविद्यालय' बनाने के प्रस्ताव को पूर्व जिलाधिकारी डॉ. चंद्रभूषण ने उच्च शिक्षा विभाग को भेज दिया है. इस कार्य के लिए प्रो. पाठक ने 25 एकड़ जमीन दान में दे दी है. ताकि यह 'जल विश्वविद्यालय' अच्छे से बन सके.

इसलिए उन्होंने जल संकट व इससे जुड़े कार्यों के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए 'जल विश्वविद्यालय' बनाने का फैसला लिया है. ऐसा करने वाला यूपी का बुंदेलखंड देश का पहला राज्य बनेगा, जो एक खास विश्वविद्यालय बनाने जा रही है.

English Summary: India First 'Water University' in UP Water Conservation
Published on: 30 September 2023, 03:42 PM IST

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