GFBN Story: गन्ने और केले की स्मार्ट खेती से हिमांशु नाथ ने रचा सफलता का इतिहास, सालाना टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा! GFBN Story: लाख की खेती से मिलन सिंह विश्वकर्मा को मिली बड़ी पहचान, सालाना कमा रहे हैं भारी मुनाफा! GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 30 September, 2023 3:33 PM IST
Water Conservation

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में पहली बार 'जल विश्वविद्यालय' खुलने जा रहा है. यह विश्वविद्यालय हमीरपुर जिले के लगभग 25 एकड़ जमीन पर बनेगा, जोकि दुनिया का पहला 'जल विश्वविद्यालय' होगा. बता दें कि इसमें सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश के भी छात्रों को जल संरक्षण का पाठ पढ़ाया जाएगा यानी की इस विश्वविद्यालय में हर तरह के बच्चे दाखिला ले सकते हैं. दुनियाभर में पानी की कमी से पैदा होने वाली परेशानियां और इसके समाधान के लिए आधुनिक तकनीकों की खोज के बारे में लोगों को पढ़ाया जाएगा और साथ ही उन्होंने जल संकट को कैसे रोका जाए इसके बारे में भी नई तकनीक सिखाई जाएगी.

बता दें कि इस 'जल विश्वविद्यालय' में यूजीसी के मानकों के अनुसार ही स्नातक व परास्नातक के पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे, जो बच्चों के भविष्य के साथ-साथ जल संकट की परेशानी को भी रोकने में मददगार साबित होंगे. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-

ये भी पढ़ें: राजस्थान: उपराष्ट्रपति धनखड़ ने बाजरा अनुसंधान केंद्र की रखी नींव, किसानों के लिए मील का पत्थऱ होगी साबित

किसने की 'जल विश्वविद्यालय' की शुरुआत

मिली जानकारी के मुताबिक, 'जल विश्वविद्यालय' बनाने की पहल स्वीडन में पर्यावरण वैज्ञानिक प्रो. रविकांत पाठक और पद्मश्री से सम्मानित जल योद्धा उमाशंकर पांडेय ने की, जोकि हमीरपुर जिले के ही रहने वाले हैं. इन्होंने भविष्य में आने वाली पानी की परेशानी को देखते हुए 'जल विश्वविद्यालय' बनाने के प्रस्ताव को पूर्व जिलाधिकारी डॉ. चंद्रभूषण ने उच्च शिक्षा विभाग को भेज दिया है. इस कार्य के लिए प्रो. पाठक ने 25 एकड़ जमीन दान में दे दी है. ताकि यह 'जल विश्वविद्यालय' अच्छे से बन सके.

इसलिए उन्होंने जल संकट व इससे जुड़े कार्यों के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए 'जल विश्वविद्यालय' बनाने का फैसला लिया है. ऐसा करने वाला यूपी का बुंदेलखंड देश का पहला राज्य बनेगा, जो एक खास विश्वविद्यालय बनाने जा रही है.

English Summary: India First 'Water University' in UP Water Conservation
Published on: 30 September 2023, 03:42 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now