GFBN Story: कैसे लखन यादव ने बांस और प्राकृतिक खेती से खड़ा किया 2 करोड़ का एग्रो-बिजनेस बिहार की लीची है अद्भुत! वैज्ञानिक रिसर्च से बढ़ेगी शेल्फ लाइफ: केंद्रीय कृषि मंत्री खुशखबरी! किसानों को इन फलों की खेती पर राज्य सरकार देगी 80,000 रुपए अनुदान, जानिए पूरी योजना किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 23 December, 2020 3:12 PM IST
Kisan Diwas

जहां एक तरफ पूरा देश राष्ट्रीय किसान दिवस मना रहा है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसानों (Farmers) के इस आंदोलन को करीब एक महीना गया है. 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. इस बीच आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच कई बार बातचीत भी हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. देश के 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस पर किसानों का ये आंदोलन सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर कबतक किसान आंदोलन के लिए मजबूर होते रहेंगे.

किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी चरण सिंह के सपने कब साकार होंगे. आज चौधरी चरण सिंह का 118वां जन्म दिवस (Kisan Diwas) है, लेकिन देश का किसान धरने पर है जिसकी वजह बने है नए कृषि कानून.

किसान दिवस पर किसान यूनियन का अनुरोध

जहां एक तरफ देश ‘राष्ट्रीय किसान दिवस’ मना रहा है तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन ने एक टाइम का खाना नहीं खाने की घोषणा की है. इतना ही नहीं, किसान संगठनों ने देश की जनता से ये भी अनुरोध है कि वो किसानों के समर्थन और नए कृषि कानूनों के विरोध में 23 दिंसबर को दोपहर का खाना ना बनाएं. गौरतलब है कि हर साल 23 दिसंबर को देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जन्मदिन पर Chaudhary Charan Singh Birth Anniversary) राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है. चौधरी चरण सिंह ने किसानों के हित में बहुत काम किए. उन्होंने किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की थी. यही वजह है कि साल 2001 से भारत में चौधरी चरण सिंह का जन्म दिवस राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) के रूप में मनाया जाता है. लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसान दिवस के मौके पर धरने पर बैठे किसानों ने एक वक्त का खान ना खाने की घोषणा की है.

किसान दिवस की शुभकामना

वहीं देश के प्रधान मंत्री से लेकर सभी पार्टियों ने देशवासियों को किसान दिवस की शुभकामनाएं दी. कृषि जागरण की तरफ से भी देश की जनता को इस खास दिन की शुभकामनाएं हैं.

किसान दिवस से पहले नीतीश सरकार का बड़ा फैसला

बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अध्यक्षता में किसान दिवस से एक दिन पहले 22 दिसंबर को  कैबिनेट की तीसरी बैठक हुई. जिसमें कई आहम निर्णय लिए गए. इस बैठक में 14 एजेंडों पर मुहर लगी. इतना ही नहीं, बिहार कैबिनेट की इस बैठक में धान खरीद के लिए एसएफसी (SFC) को 6 हजार करोड़ की राशि देने का भी फैसला लिया गया.

English Summary: India celebrating the National Farmers Day but farmers are on protest
Published on: 23 December 2020, 03:17 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now