Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 25 May, 2021 2:19 PM IST
Indian and Israel

आपको तो पता ही होगा कि इजराइल की कृषि तकनीक का डंका पूरे विश्व में बजता है. हर कोई इजरायल की तकनीक का कायल है. उसका दीवाना है. हर देश चाहता है कि उसकी भी कृषि प्रणाली इजरायल की कृषि प्रणाली की तरह हाईटेक हो सके, मगर यह सबके नसीब में कहा हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी हो होगी कि जिस तरह के कदम पिछले कुछ वर्षों से भारत और इजरायल उठाने जा रहे हैं, वो यकीनन काबिल-ए-तारीफ है.

यह कदम महज एक कदम नहीं, बल्कि यह वह ऐतिहासिक फैसला साबित होने जा रहा है, जो भारतीय कृषि की दशा व दिशा बदलने में बेहद कारगर होंगे. हालांकि, भारत और इजरायल का कृषि क्षेत्र में सहभागिता 1993 से है, मगर सोमवार को भारत और इजरायल की सरकारों ने मिलकर जिस तरह का कदम उठाया, उस जानकर पूरी भारतीय कृषि समुदाय के चेहरे खिल उठे. आइए अब हम आपको भारत और इजरायल की सरकारों द्वारा उठाए गए फैसलों के बारे में पूरे विस्तार से बताते हैं.

तीन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

यहां हम आपको बताते चले कि भारत और इजरायल की सरकारों ने मिलकर भारतीय कृषि को एक नई पहचान दिलाने के लिए कुल तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें भारत ‘इजरायल कृषि परियोजना उत्कृष्टता केंद्र’, ‘भारत इजरायल कृषि परियोजना उत्कृष्टता गांव’ और ‘एकिकृत  बागवानी विकास मिशन’ की दिशा में कार्य करने जा रहे हैं. दोनों देशों के बीच यह योजनाएं आगामी 3 वर्षों तक प्रभावी रहेंगी. इस दौरान दोनों देशों के बीच कृषि क्षेत्र से संबंधित कृषि योजनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा, ताकि भारतीय कृषि क्षेत्र की उन्नति में इजाफा हो सके और बागवानी क्षेत्र के उत्पादों की गुणवत्ता में भी इजाफा हो सके. इससे जहां किसानों की आय बढ़ेगी तो वहीं हमारे अन्नदाता आत्मनिर्भर हो सकेंगे.   

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित कर चुके हैं, जिसको ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के बीच शुरू हुई इन परियोजनाओं का सार बहुत व्यापक माना जा रहा है. वहीं, इंडो-इजरायल विलेजिज ऑफ एक्‍सीलेंस एक नई संकल्‍पना है. जिसका लक्ष्‍य 8 राज्‍यों के 75 गांवों में 13 सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस के समीप कृषि में इकोसिस्‍टम विकसित करना है.

भारतीय किसान होंगे आत्मनिर्भर

इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए भारत में इजरायल के राजदूत  डॉ. रोन मलका ने कहा कि दोनों देशों के बीच शुरू हुई इस परियोजना से किसानों की आय में इजाफा होगा. दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाढ़ होंगे. इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी सरकार के लिए हमेशा से ही कृषि क्षेत्र प्रथामिकताओं वाला क्षेत्र रहा है. हमारी सरकार का भी यह उद्देश्य है कि आगामी वर्षों में किसानों की आय को दोगुना किया जा सके. 

भारत और इजराइल का कृषि संबंध भी बेहद पुराना है. खैर, अब देखना यह होगा कि आगामी तीन वर्षों के उपरांत इन परियोजनाओं का भारतीय कृषि क्षेत्र पर क्या कुछ प्रभाव पड़ता है.

English Summary: India and israel signature in three project for indian agriculture
Published on: 25 May 2021, 02:30 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now