सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 21 September, 2022 11:10 AM IST
Increasing productivity is necessary to maintain high food grain production

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत में खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के साथ ही दुनिया के बड़े हिस्से की खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता भी है. भविष्य की जरूरतों व चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक योजनाओं के साथ देश आगे बढ़ रहा है. उच्च खाद्यान्न उत्पादन बनाए रखने के लिए उत्पादकता बढ़ाना जरूरी है, इसके लिए भी देश सचेत है. 

उन्होंने कहा कि खेती में तकनीक का समावेश करते हुए किसानों तक पहुंच बढ़ाने व सिंचाई व्यवस्था से कृषि की लागत कम की जा सकेगी और उत्पादन और उत्पादकता को भी हम बढ़ा सकेंगे. इसके साथ ही, किसानों की आय बढ़ती रहे और देश-दुनिया की खाद्य सुरक्षा में हमारा योगदान बना रहे, इसे भी सुनिश्चित कर सकेंगे. इस दिशा में पूर्ण सफलता के लिए सभी का सहयोग जरूरी है.

केंद्रीय मंत्री तोमर ने यह बात भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) द्वारा आयोजित लीड्स-2022 कांफ्रेंस में कही. फूड फॉर ऑल: फार्म टू फोर्क, विषयक सत्र में तोमर ने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद, भारत के कृषि क्षेत्र ने 3.9% की विकास दर की महत्वपूर्ण उपलब्धि देखी है. साथ ही, हमारे कृषि निर्यात ने 4 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया, जिसे हमें बढ़ाते जाना है.

तोमर ने कहा कि वर्ष 2050 तक विश्व की जनसंख्या 900 करोड़ से ज्यादा होने के अनुमान के साथ, आहार की मांग में तेजी से वृद्धि होगी, जिससे कृषि उद्देश्यों, पशुओं के लिए चराई भूमि और उर्वरक तथा आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों के लिए भूमि की अधिक आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि को प्राथमिकता दिए जाने के साथ देश में हाल के वर्षों में कृषि का काफी विस्तार हुआ है और हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े खाद्य उत्पादक देश के रूप में उभरे हैं. भारत का भूगोल, जलवायु व मिट्टी बहुत विविध हैं, इसलिए यह स्वाभाविक रूप से कृषि वस्तुओं की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन करने में उत्कृष्ट हैं. तोमर ने कहा कि हम किसी भी अन्य राष्ट्र की तुलना में अधिक फसलें उगाते हैं. विश्व में सर्वाधिक फसल सघनता भारत में है. चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार, भारत का वर्ष 2021-22 में 315.72 मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन है.

तोमर ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सरकार लगातार देश के छोटे किसानों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही है. इस दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, ताकि खेती-किसानी की चुनौतियों को कम किया जा सके और किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सके. इसके साथ ही, भारत कृषि क्षेत्र में दुनिया में नंबर 1 बनने की यात्रा पर तेजी से चल रहा है. उन्होंने कहा कि सिंचाई प्रणाली, भंडारण व कोल्ड स्टोरेज सहित कृषि के बुनियादी ढांचे में निवेश में वृद्धि के कारण, आने वाले वर्षों में भारत में कृषि उद्योग को और गति मिलने की उम्मीद है. इसके अतिरिक्त, आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों के बढ़ते उपयोग से भारतीय किसानों की पैदावार में वृद्धि होने की भी उम्मीद है. तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत, केंद्र सरकार का लक्ष्य वर्ष 2024-25 तक मत्स्य पालन क्षेत्र में 70 हजार करोड़ रु. से ज्यादा का निवेश करना है. सरकार को 2024-2025 तक मछली उत्पादन 220 लाख टन तक बढ़ाने की उम्मीद है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले 6 वर्षों में 10,900 करोड़ रु. के प्रोत्साहन के साथ खाद्य प्रसंस्करण के लिए पीएलआई योजना क्रियान्वित की जा रही है, वहीं कृषि उड़ान योजना के तहत हवाई परिवहन द्वारा कृषि-उत्पादों की आवाजाही के लिए सहायता-प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है, जो पूर्वोत्तर व आदिवासी क्षेत्रों के लिए विशेष लाभदायी है. इससे किसानों, फ्रेट फारवर्डर्स व एयरलाइंस को लाभ हो रहा है. डिजिटल एग्री मिशन भी शुरू किया गया है. तकनीक से पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे किसानों को सारी योजनाओं का पूरा लाभ मिलेगा. ड्रोन टेक्नोलॉजी को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. खेती में टेक्नोलॉजी व पारदर्शिता जितनी बढ़ेगी, उतना लाभ होगा. तोमर ने कहा कि 11 हजार करोड़ रु. के खर्च से राष्ट्रीय आयल पाम मिशन शुरू किया गया है, साथ ही जैविक व प्राकृतिक खेती को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है. अगले साल अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष भारत की अगुवाई में मनाया जाएगा, जिसकी तैयारियां जोरों पर है.

कांफ्रेंस में न्यूजीलैंड के व्यापार और निर्यात विकास, कृषि, जैव सुरक्षा, भूमि सूचना और ग्रामीण समुदाय मंत्री डेमियन ओ'कॉनर तथा उद्योग जगत के प्रतिनिधि व अन्य लोग उपस्थित थे.

English Summary: Increasing productivity is necessary to maintain high food grain production Union Agriculture Minister
Published on: 21 September 2022, 11:18 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now