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Updated on: 10 October, 2022 5:59 PM IST
Mushroom cultivation will be low this year

सर्दी के मौसम में मशरूम की सब्जी खाने का आनंद कुछ और ही हैलेकिन शायद इस बार यह आनंद आपको पूर्ण रूप से न मिल पाए क्योंकि मशरूम की खेती में उपयोग होने वाले कच्चे माल की कीमत इस बार बाजार में पिछली बार की अपेक्षा महंगी हैजिसके चलते मशरूम के उत्पादन में भी कमी आ सकती है.

दरअसलमशरूम की खेती का हब कहे जाने वाले सहारनपुर में कच्चे माल की कीमतों में इजाफा होने के बाद वहां पर बटन मशरूम की खेती के उत्पादन में 15 फीसदी तक की कमी आ सकती है. आपको बता दें कि सहारनपुर में हर साल करीब 300 टन मशरूम का उत्पादन होता है जिसमें बटनढिगरी और मिल्की मशरूम की खेती प्रमुखता से होती है. लेकिन इस साल बटन मशरूम की खेती के लिए खाद बनाने में गेहूं का भूसाचोकरजिप्समयूरियापोटाशफास्फोरस और कैल्शियम जैसी उपयोग होने वाली चीजें की कीमतों में 15 से 20 प्रतिशत तक का इजाफा देखने को मिल रहा है. 

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सहारनपुर के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी और मशरूम विशेषज्ञ डॉक्टर आईके  कुशवाहा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस समय बटन मशरूम की खेती का समय चल रहा है और कच्चा माल महंगा होने का असर मशरूम की खेती पर पड़ेगा. प्रतिस्पर्धा के चलते बाजार में भी इसका भाव गत वर्ष की अपेक्षा 10 से 15 रुपये प्रति किलो कम चल रहा है. इस बार बटन मशरूम की खेती में 15 फीसदी तक कमी आने की संभावना है. 

अक्टूबर से तक होती हो बटन मशरूम की खेती

आईके कुशवाहा के अनुसार बटन मशरूम की खेती के लिए अक्तूबर से मार्च के बीच का समय सबसे बेहतर माना जाता है और 100 क्वंविटल कंपोस्ट में औसतन 35 क्वंविटल बटन मशरूम की उपज होती है लेकिन इस साल कंपोस्ट का कच्चा माल महंगा होने की वजह से बटन मशरूम का उत्पादन कम हो सकता है.

English Summary: in uttar pradesh's district saharanpur button mushroom cultivation will be low this year
Published on: 10 October 2022, 06:08 PM IST

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