बजट 2022 (Budget 2022) की घोषणा में किसानों के हित के लिए लगातार अहम कदम उठाए गए हैं. कृषि और पशुपालन क्षेत्र को ना सिर्फ बढ़ावा देने की बात की गयी है, बल्कि अच्छी खासी आर्थिक मदद प्रदान करने का फैसला भी लिया गया है. इसी संदर्भ में किसानों को एमएसपी के 2.37 लाख करोड़ रुपये सीधे भुगतान (Rs 2.37 lakh crore of MSP to farmers) की घोषणा की गयी है.
जी हां, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने किसानों को एक बड़ा प्रोत्साहन देते हुए वित्त वर्ष 22-23 के बजट में गेहूं और धान किसानों (Wheat and Paddy Farmers) को सीधे एमएसपी के 2.37 लाख करोड़ रुपये के भुगतान की घोषणा की है. अंतर्राष्ट्रीय बाजरा दिवस पर अधिक जानकारी साझा करते हुए एफएम ने कहा कि "कटाई के बाद मूल्यवर्धन, राष्ट्रीय खपत बढ़ाने और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजरा उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए सहायता प्रदान की जाएगी"
किसानों के लिए बजट 2022 में लिए गए अहम कदम (Important steps taken for farmers in budget 2022)
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2021-22 के दौरान गेहूं और धान की खरीद के लिए 163 लाख किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपये एमएसपी मूल्य का सीधा भुगतान.
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पीपीपी मोड (PPP Mode) में शुरू की जाने वाली किसानों को डिजिटल और हाई-टेक सेवाओं Digital and hi-tech services to farmers) के वितरण के लिए योजना.
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कृषि और ग्रामीण उद्यम के लिए वित्त स्टार्टअप शुरू करने के लिए फंड (Fund to start finance startups).
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'किसान ड्रोन' (Drone) के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा.
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रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती (Organic Farming) को पूरे देश में बढ़ावा दिया जाएगा.
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बाजरे के उत्पादों के मूल्यवर्धन और ब्रांडिंग (Value addition and branding of millet products) पर विशेष ध्यान.
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तिलहन का घरेलू उत्पादन (Domestic production of oilseeds) बढ़ाने के लिए व्यापक योजना लागू की जाएगी.
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44,605 करोड़ रुपये की केन बेटवावर लिंकिंग परियोजना की घोषणा की.
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वित्त स्टार्टअप ग्रामीण उद्यमों की सहायता के लिए प्रोत्साहन होंगे.
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कृषि वानिकी को अपनाने के लिए किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी
अब किसान बनेंगे हाई-टेक (Now farmers will become hi-tech)
बजट 2022 में FM ने फसल मूल्यांकन को बढ़ावा देने, भूमि रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करने, उर्वरकों और कीटनाशकों जैसे कृषि पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन की घोषणा की थी. जिससे छोटे और सीमांत किसानों की उपज बढ़ाने को प्रोत्साहन मिलेगा. इसके अलावा यह भारतीय कृषि के प्रति वैज्ञानिक सोच भी लाएगा.
आर्गेनिक फार्मिंग से बढ़ेगी उपज और आय (Organic farming will increase yield and income)
खास बात यह है कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए चौथा बजट देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पहले चरण में गंगा नदी के किनारे 5 किलोमीटर के गलियारे पर विशेष ध्यान देने के साथ देश में रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को बढ़ावा दिया जाएगा.
फाइनेंस मिनिस्ट्री का आगे कहना है कि भारत में रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना भारतीयों के लिए स्वस्थ उपज सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम है. इसके अतिरिक्त यह भारतीय किसान के इनपुट खर्च को कम करेगा, मिट्टी के स्वास्थ्य को पुनर्जीवित करेगा, और यह सुनिश्चित करेगा कि प्रकृति की देखभाल करें.
आने वाले 5 सालों में बदल जाएगी कृषि की तस्वीर (The picture of agriculture will change in the coming 5 years)
आर्थिक सर्वेक्षण ने कहा कि कृषि और इसके संबंधित क्षेत्र कोविड -19 झटके से कम प्रभावित हुए हैं और पिछले दो वर्षों में तेजी से विकास का अनुभव किया है.
इसमें कोई शक नहीं कि कोरोना महामारी के बाद लोगों के अंदर कृषि को लेकर नजरिया बदला है और इस क्षेत्र को एकदम बूम मिला है और आने वाले 5 सालों के अंदर इसकी तस्वीर एकदम बदलने वाली है जो सभी को चौंका देगा.