आपने बहुत से ऐसे लोगों को देखा होगा जिनके त्वचा पर सफ़ेद दाग पड़े होते है. अब वैज्ञानिकों ने विटिलिगो यानी सफेद दाग के इलाज की ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे कुछ ही हफ्तों में इसे ठीक करना हो सकेगा. यह एक ऐसा रोग है. जिसमे त्वचा को रंग देने वाली कोशिका काम करना बंद कर देती है. जिसके वजह से शरीर पर सफ़ेद धब्बे पड़ जाते है.
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स के शोधकर्ता जॉन हैरिस का कहना है की अभी तक जितनी भी तकनीके इस रोग के इलाज के लिए विकसित हुई है सब में लगभग एक से दो साल का साल का समय लग जाता है. कई बार इलाज के बाद ऐसा होता है की एक या साल बाद फिर ये दाग उसी जगह पर दिखने लगते है. दोबारा उसी जगह दाग इसलिए बनते हैं, क्योकी शरीर में उस जगह पर नई कोशिकाएं नहीं विकसित हो पाती है. यही कारण है की वे दाग पुनः दिखाई देनी लगते है.
अब वैज्ञानिकों ने उन कोशिकाओं को पहचानने में सफलता हासिल कर ली है जो इन कोशिकाओं को पहचान सकती है जिससे इसका इलाज पूर्तयः संभव हो सके. वैज्ञानिकों का कहना है कि इन कोशिकाओं को नष्ट करने से सफेद दाग का इलाज जल्दी हो सकेगा और दोबारा इसे होने से भी ज्यादा समय तक रोका जा सकेगा.
इस रोग के शुरूआती लक्षण
त्वचा की रंगत में सफेदी नज़र आने के साथ ही रोये सफेद होने लगे तो समझ जाइए की इस रोग की शुरूआत हो चुकी है. प्राय: ऐसे दाग पर खुजली या दर्द जैसे लक्षण नहीं दिखते और त्वचा की संवेदनशीलता भी बनी रहती है. हां, गर्मी के मौसम में पसीने की वजह सेप्रभावित हिस्से में कुछ जलन हो सकती है.