कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाने की दिशा में सरकार हर तरह की कोशिश करती रहती है, जिससे की किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके. इसी कड़ी में सरकार किसानों की फसलों का पैदावार बढ़ाने की दिशा में बीज को उन्नत बनाने की कोशिश करती रहती है. इस बीच, अब कृषि शोध संस्था टाडिया वाराणसी यूपी के उन्नत किसान प्रकाश सिंह ने अरहर की नई किस्म का ईजाद की है. बताया जा रहा है कि बीज की यह नई किस्म दलहनों की फसलों की पैदावार बढ़ाने में काफी कारगर साबित हो सकती है. वहीं, अगर इस बीज के खासियत की बात करें, तो यह फसल उकठा, रोग, फली छेदक रोग का असर नहीं होगा.
पौधा किस्म और कृषक अधिकारी संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार के अनुसार अरहर कुदरत-3 किस्म में एक पौधे में लगभग 2 हजार फल होते हैं. वहीं, अगर इसका दाल बनाने का प्रयास करें, तो वो भी जल्दी पक जाता है. इसके साथ ही अगर इसकी अन्य प्रजातियों से तुलना करें, तो इस कुदरत-3 में प्रोटिन की मात्रा अधिक होती है. यह 220 दिन में पक जाती है. वहीं, प्रति एकड़ लगने वाले बीज की बात करें, तो एक एकड़ भूमि में तकरीबन 2 किलो बीज लगता है.
कितना है उत्पादन
इस बीज के इस्तेमाल से होने वाले उत्पादन क्षमता की बात करें, तो इन बीजों के इस्तेमाल से प्रति एकड़ 15 क्विंटल उत्पादन ही किया जा सकता है. इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए कृषि विज्ञान केंद्र खंडवा के वैज्ञानिक सुभाष रावत का कहना है कि अरहर की बुआई मई में चार बार होती है. इसे 2.5 ग्राम थाइरन और एक ग्राम पीएसएनबी प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित कर सकते हैं.
नोट : इस बीज के संदर्भ में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए आप 983925397, 6307099374 पर संपर्क कर सकते हैं.