सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 6 May, 2023 10:48 AM IST

देशभर के ज्यादातर इलाकों में बीते दिनों बारिश का सिलसिला जारी रहा. इस दौरान बारिश के साथ ही आंधी-तूफान और बिजली कड़कने की गतिविधियां भी देखने को मिली थी. हरियाणा के भी अधिकांश इलाकों में ऐसा ही मौसम बना हुआ था. ऐसे में मौसम विभाग ने आम लोगों के लिए मौसम अलर्ट जारी करने के साथ ही किसानों के लिए भी एग्रोमेट एडवाइजरी जारी की था. मौसम विभाग द्वारा हरियाणा के लिए जारी एग्रोमेट एडवाइजरी में क्या कुछ खास रहा, इस बारे में यहां जानेंगे... 

जनरल एग्रोमेट एडवाइजरी

आंधी-तूफान के साथ बारिश की संभावना के कारण कटी हुई सामग्री और जानवरों/पक्षियों को रखें इनडोर रखने की सलाह दी गई है.

किसानों को गेहूं की पराली नहीं जलाने की सलाह दी गई है

खेत में उतनी ही जुताई करेंजिससे स्थिति में सुधार होगा

मिट्टी की उर्वरता को ना जलाएं. इससे मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं

भण्डारण परामर्शः अनाज भण्डारण में सावधानी न बरतने पर भण्डारण में रखा हुआ लगभग 25 प्रतिशत अनाज कीटचूहे आदि से नष्ट हो जाता है. हो सके तो अनाज को कच्चे गोदाम में ही रखना चाहिए. स्टॉक को एल्यूमीनियम फास्फाइड या ईडीबी भी प्रदान किया जाता है. धुएं से यदि अनाज पुराने बोरों में रखना हो तो धुएं वाले बोरों का प्रयोग करें.

गेहूं- किसानों को सलाह दी जाती है कि वे कटी हुई फसल के बंडल बनाकर अच्छी तरह से ढक कर रखें और यदि मड़ाई हो तो भंडारण की उचित व्यवस्था करें.

धान- किसानों को सलाह दी जाती है कि वे खरीफ मौसम के लिए खेत तैयार करें और पानी बचाने के लिए और धान के पुआल के प्रबंधन में आसानी के लिए अनुशंसित कम अवधि वाली किस्मों को प्राथमिकता दें.

कपास- इस दौरान बारिश की संभावना को देखते हुए कपास की बुआई बंद कर दें. बीटी कपास या देसी कपास सहित कपास की संस्तुत किस्मों/संकरों की बुआई इस माह में की जा सकती है. कपास के खाली स्थान को भरने के लिए पॉलीथीन की थैलियों में बीज बोएं.

गन्ना- अवधि के दौरान आवश्यकता और मौसम के अनुसार उर्वरक और सिंचाई करें.

सब्ज़ियां- अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए खीरे और टमाटरमिर्चबैंगन और भिंडी जैसी अन्य सब्जियों की नियमित अंतराल पर कटाई करें. पानी की कमी से बचने के लिए 4-5 दिनों के अंतराल पर मौसम पूर्वानुमान के अनुसार नियमित रूप से सिंचाई करें.

टमाटर में फल छेदक कीट के प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ 100 लीटर पानी में 30 मिली फेम 480 एसएल या 60 मिली कोराजेन 18.5 एससी या 200 मिली इंडोक्साकार्ब 14.5 एससी को मिलाकर छिड़काव करें. कोराजेन के छिड़काव के बाद एक दिन और फेम के छिड़काव के बाद 3 दिनों की प्रतीक्षा अवधि का निरीक्षण करें.

फल- तापमान में वृद्धि के साथ फलों का गिरना बढ़ रहा है. आड़ू और बेर के बागों में मिट्टी को लगातार नम रखें. सिट्रसनाशपातीलीची और आम में हल्की और बार-बार सिंचाई करें.

आम में फलों के गिरने के प्रबंधन के लिए 2, 4-डी सोडियम साल्ट @ 2.0 ग्राम 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. पानी में डालने से पहले 10-20 मिली शराब में 2, 4-डी घोलें.

किन्नू में फलों के गिरने के प्रबंधन के लिए जिबरेलिक एसिड @ 1.0 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी का छिड़काव करें. पानी में डालने से पहले 10-20 मिली शराब में जिबरेलिक एसिड घोलें. सिट्रस बागानों में जिंक सल्फेट @ 3.0 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिड़काव किया जा सकता है.

नए लगाए गए फलों के पौधों के रूट-स्टॉक भाग से उत्पन्न होने वाले सकर को नियमित रूप से हटा दें.

अगर बाग़ में सब्ज़ियां या चौड़ी पत्ती वाली फ़सलें लगाई गई हैं तो इसके छिड़काव से बचें.

पशुपालन (गाय)

नवजात पशुओं को पहले 10 दिन की उम्र मेंउसके बाद 15 दिन की उम्र में और फिर तीन महीने के बाद दवा की उचित खुराक दी जानी चाहिए.

इसके बाद किसान को हर तीन महीने के बाद एक साल की उम्र तक कृमिनाशक दवा का ध्यान रखना चाहिए.

कृत्रिम गर्भाधान के 3 महीने के बाद गर्भावस्था के लिए जानवरों का निदान किया जाना चाहिए.

दुधारू पशुओं को कभी भी अधिक अनाज नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे किटोसिस हो सकता है और उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है.

English Summary: Important news for farmers cultivating these crops including paddy, cotton, wheat
Published on: 06 May 2023, 10:52 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now