किसानों के लिए मौसम विभाग की तरफ से समय- समय पर जरूरी सलाह दी जाती है, जिससे किसान अपनी फसलों व पशुओं का ध्यान रख सकते हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. जिसके जरिए किसान अपनी फसल से अच्छा उत्पादन पा सकते हैं.
फतेहपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, चित्रकूट और कौशांबी के किसानों के अपनी फसल को इस प्रकार रखें सुरक्षित
खरीफ फसल
वर्षा न होने पर धान की फसल की 6-7 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें.
मक्के की फसल में बेहतर उपज के लिए फूल आने के समय पर्याप्त नमी बनाए रखें.
जायद की फसल
हरे चने और उड़द की फसल 12-15 किग्रा/हेक्टेयर की दर से बोयें और बुवाई से पहले बीजों को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करें.
सोयाबीन की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए अलाक्लोर 50 ईसी 4 लीटर/हेक्टेयर को 1000 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
सब्जियां
बरसात के मौसम में चौलाई की बुवाई इस महीने में 2-3 किलो/हेक्टेयर की दर से करें.
शिमला मिर्च, मिर्च और फूलगोभी की बुवाई शुरू कर दें.
फल
आम, अमरूद, लीची, आंवला, कटहल, नींबू, बेर, केला और पपीते के नए बाग लगाने का समय आ गया है.
एफिड्स से बचाव के लिए आंवला के बाग में मोनोक्रोटोफॉस 0.04% का छिड़काव करें.
लाइव स्टॉक
चिकन - पोल्ट्री को नमी और रिसने से बचाएं.
बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज के किसानों के लिए सलाह
खरीफ फसल
मक्के की फसल में पहली टॉप ड्रेसिंग बुवाई के 30 से 35 दिन बाद और दूसरी टॉप ड्रेसिंग 40 से 45 दिनों के बाद करनी चाहिए, यूरिया की टॉप ड्रेसिंग 60 से 70 किग्रा / हेक्टेयर की दर से साफ आसमान होनी चाहिए.
धान से खरपतवार हटा दें और ऊपर से ड्रेसिंग करते समय खेत में 2 से 3 सेमी से अधिक पानी नहीं होना चाहिए.
सब्जियां
बैंगन, मिर्च, टमाटर, अगेती फूलगोभी, खरीफ प्याज, लोबिया, पालक, ऐमारैंथस और भिंडी की बुवाई के लिए खेत की तैयारी कर लें.
हरे चारे के रूप में लोबिया, ज्वार, मक्का, बाजरा और ग्वार की बुवाई शुरू करें.
फल
आम, अमरूद, नींबू, अंगूर, बेर और पपीते के बागों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें.
लाइव स्टॉक
भैंस/गाय- दुधारू पशु को संतुलित आहार के लिए, किसानों को सलाह दी जाती है कि वे प्रति 2 लीटर दूध की उपज के लिए 1 किलो चारा + 50 ग्राम खनिज मिश्रण प्रदान करें. पशुओं को 50-60 ग्राम नमक पानी में मिलाकर पिलाना चाहिए.
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बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज के किसानों के लिए सलाह
खरीफ फसल
मक्के की फसल में पहली टॉप ड्रेसिंग बुवाई के 30 से 35 दिन बाद और दूसरी टॉप ड्रेसिंग 40 से 45 दिनों के बाद करनी चाहिए, यूरिया की टॉप ड्रेसिंग 60 से 70 किग्रा / हेक्टेयर की दर से साफ आसमान होनी चाहिए.
धान से खरपतवार हटा दें और ऊपर से ड्रेसिंग करते समय खेत में 2 से 3 सेमी से अधिक पानी नहीं होना चाहिए.
सब्जियां
बैंगन, मिर्च, टमाटर, अगेती फूलगोभी, खरीफ प्याज, लोबिया, पालक, ऐमारैंथस और भिंडी की बुवाई के लिए खेत की तैयारी कर लें.
हरे चारे के रूप में लोबिया, ज्वार, मक्का, बाजरा और ग्वार की बुवाई शुरू करें.
फल
आम, अमरूद, नींबू, अंगूर, बेर और पपीते के बागों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें.
लाइव स्टॉक
भैंस/गाय- दुधारू पशु को संतुलित आहार के लिए, किसानों को सलाह दी जाती है कि वे प्रति 2 लीटर दूध की उपज के लिए 1 किलो चारा + 50 ग्राम खनिज मिश्रण प्रदान करें. पशुओं को 50-60 ग्राम नमक पानी में मिलाकर पिलाना चाहिए.