New Delhi: कोरोना काल के बाद औषधीय एवं सुगन्धित पौधों के मांग तेजी से बढ़ी है जिसका विश्व स्तर पर एकमात्र स्रोत भारत है, इसलिए हमें भारत के किसानों और उद्यमियों को इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए एक जुट होकर काम करना होगा. यह बात इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित औषधीय संवर्धन की अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अथिति उपस्थित मर्सी एपो (Mercy Epao) ने कही. इस दौरान उन्होंने कहा कि औषधीय और सुगंधित पौधे के उत्पादन को लेकर MSME इस सेक्टर की इकाइयों को हर संभव मदद दे रहा है, जिसमे उत्पादन से लेकर बाज़ार तक के लिए डिजिटल सुविधाएँ दे जा रही है. उन्होंने कहा, MSME का भारत की GDP में 40% का योगदान है जिसमे MSME 45% निर्यात में अपनी भागीदारी निभा रहा है.
एमएसएमई 60 हजार से ज्यादा उत्पादों का निर्माण कर रहा है और देश में 11 करोड़ से ज्यादा लोगों के रोजगार का माध्यम बना हुआ है. उन्होंने उद्यम पंजीकरण के बारे में बताया, जिसमें कोई भी व्यवसायी यदि अपने व्यवसाय को सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के रूप में पहचान देना चाहता है तो वह एमएसएमई के तहत पंजीकरण करवा सकता है. इसके अंतर्गत पंजीकृत होने पर उसे अपने उद्योग को बढ़ाने के लिए सरकार से कई तरह के लाभ मिल सकते हैं.
AFC निभा रहा अहम भूमिका
इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित औषधीय संवर्धन की अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में AFC यानि Agricultural Finance Corporation भारत में कृषि अहम् भूमिका निभाता नज़र आया. जोकि इस सेक्टर में तकनिकी, बाज़ार और वित्तीय निवेश में मदद करता है. इस सेमीनार में AFC के MD ..ने कहा कि AFC ग्रामीण विकास और अन्य सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों के लिए परामर्श और सलाह प्रदान करता है. इसकी स्थापना वर्ष 1968 में की गई थी. एएफसी में वाणिज्यिक बैंक, NABARD और EXIM बैंक का स्वामित्व है. और कृषि के क्षेत्र में सक्रियता से काम कर रहा है.
NMPB की भुूमिका
डॉ अरुण चंदन, एनएमपीबी क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र, हिमाचल प्रदेश के निदेशक ने औषधीय पौधों से होने वाले लाभ और इसके उत्पादन को लेकर चर्चा की और बताया कि किस तरह से हमारे देश में यूनीकार्न की संख्या इस समय बढ़कर 107 हो गई है और जिस तरह से हमारे एमएसएमई सेक्टर में लगातार विकास दिख रहा है आने वाले समय में यह देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा.
SIDBI की भूमिका
इस कार्यक्रम में सिडबी के मुख्य महाप्रबंधक भी मौजूद रहे और उन्होने बताया कि सिडबी ऐसे औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती करने के लिए देश के युवाओं को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया करा रहा है. सिडबी इसके लिए 5 करोड़ तक के लोन को बिना किसी गारंटी के देने का फैसला लिया है. इसमे देश की महिलाओं, जनजातिय समुदाय और पहाड़ी लोगों के लिए विशेषकर छूट देने का भी प्रबंध किया है.
इमामी ग्रुप के महाप्रबंधक डॉ आरसी उनियाल ने औषधीय और सुगंधित पौधों के निर्यात क्षमता और निवेश के अवसर के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि कैसे औषधीय पौधे भी ग्रामीण लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इन पौधों में चिकित्सीय गुण जानवरों के शरीर पर लाभकारी औषधीय प्रभाव डालते हैं.