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Updated on: 13 March, 2021 3:47 PM IST
Farmers

कौन कंबख्त भला किसानों की नाराजगी मोल लेकर सियासी पिच पर क्लिन बोल्ड होना चाहेगा. लिहाजा, हर सियासी सूरमा की यही कोशिश रहती है कि देश के हर अन्नदाता का साथ उन्हें हमेशा मिलता रहे. अगर कभी किसी सूरमा को ऐसा लगता है कि किसानों के साथ उनके संबंध हल्के हो रहे हैं, तो वे इसे पुनर्जीवित करने के लिए अपनी बिछाई हुई बिसात में हर चाल अपने नाम करने की कोशिश करते हैं. बस, इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए आजकल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसानों के हित के बारे में सोचने में मशगूल हो चुके हैं. उनके हालिया कदमों से यह साफ जाहिर हो रहा है कि वे किसानों के बारे में फिक्रमंद हैं.

खैर, अब मुद्दे पर आते हैं. दरअसल, हाल ही में उन्होंने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए कुछ मसलों का जिक्र किया है, जिस पर विचार करना जरूरी है. उन्होंने किसानों को सहूलियतें प्रदान करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं. प्रदेश के किसान अब अपनी मिट्टी और पानी के हिसाब से फसल उगा सकेंगे. प्रदेश सरकार ने इस तरह का विकल्प किसानों को दिया है.

क्या हैं इसके फायदे

इन फायदों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे जहां किसानों को फसल प्राप्त होने में सहायता प्रदान होगी, तो वहीं मिट्टी का परिक्षण करने के लिए स्कूली छात्रों को भी सहूलियतें मिलेंगी. इससे मिट्टी की भी सेहत बरकरार रहेगी. अब स्वाभाविक है कि अगर मिट्टी की सेहत का ध्यान रखा जाएगा, तो बेहतर फसल भी प्राप्त हो सकेगी.

इस दिशा में किसानों को और सशक्त बनाने की दिशा में 17 नई मृदा जांच प्रयोगशाला खोली जाएंगी. 59 मिनी मृदा जांच लैब जांच खोली जाएगी. वहीं, मिट्टी की सेहत की जांच करने के बाद उस पर कौन सी फसल उगाई जाएगी, इसका फैसला भी किसानों के ऊपर ही छोड़ दिया जाएगा.

फिलहाल, इस दिशा में 115 मृदा प्रयोगशाला तैयार हो चुकी है. वहीं, आने वाले दिनों में कई स्कूलों में भी मृदा लैब खोला जाएगा, जिससे छात्रों को भी मृदा जांच से संबंधित जानकारी प्राप्त हो सकेगी.

English Summary: Imortant news for Haryana's Farmers
Published on: 13 March 2021, 03:58 PM IST

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