देश के किसानों को हर साल मौसम (Mausam) की मार झेलनी पड़ती है. यही वजह है कि किसानों को मौसम के अनुसार खेती-बाड़ी करने की सलाह दी जाती है. इसी कड़ी में भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department,IMD) ने बिहार के किसानों के लिए एग्रोमेट एडवाइजरी (Agro met Advisory) जारी करते हुए इस मौसम (pre-monsoon) में अपनी फसलों को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं ये बताया है.
मौसम विभाग ने एग्रोमेट एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि जो किसान एंड्रॉइड मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें मौसम की भविष्यवाणी के लिए मेघदूत ऐप (Meghdoot app) और बिजली की चेतावनी के लिए दामिनी ऐप (damini app) का इस्तेमाल करना चाहिए.
General Advisory जारी करते हुए किसानों को दी जरूरी सलाह
चूंकि आने वाले दिनों में भी बारिश की गतिविधि होने की उम्मीद है, इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे भूमि बिना देर किए खरीफ धान की खेती की तैयारी शुरू करें. किसानों को नेपियर घास की बुवाई, सूडान (Anant Var), धान की फलियाँ, ग्वार की खेती, लोबिया (Cowpea) आदि को पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराने के लिए नम खेत में खेती करने की सलाह दी जाती है.
Paddy नर्सरी को लेकर जरूरी जानकारी
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे धान की नर्सरी की बुवाई के लिए जमीन की तैयारी शुरू कर दें और बीज की बुवाई तैयार खेत में करें, जहाँ पानी की कोई कमी ना हो.
भूमि की तैयारी के लिए किसान अच्छी तरह से सड़ी गाय के गोबर या वर्मीकम्पोस्ट का भी उपयोग करें.
इसके लिए राजेंद्र मंसूरी 1, राजेंद्र श्वेता, सबौर श्री आदि किस्मों का उपयोग किया जाना चाहिए.
किसानों द्वारा बीज किसी भी प्रामाणिक स्रोत और बीज से खरीदा जाना चाहिए.
बुवाई से पहले उपचार की सलाह दी जाती है.
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MANGO को लेकर जरूरी सलाह
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे परिपक्व आम के फल को जल्द से जल्द काट लें ताकि अधिक से अधिक लाभ मिल सके, क्योंकि आने वाले दिनों में फल मक्खी के हमला के कारण फलों की गुणवत्ता और खराब हो जाएगी.
पशुपालकों के लिए एग्रो मेट एडवाइजरी में बड़ी सलाह
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी गायों और भैंसों को एचएस और बीक्यू (HS and BQ) रोगों के खिलाफ टीकाकरण करें. इसके साथ ही बकरी को पीपीआर की बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण करने की सलाह दी जाती है.
चूंकि गरज / बिजली / तेज हवाओं के साथ वर्षा की संभावना है, इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी पशुओं को खुले स्थान में चरने से बचाएं.