ताजे फल और सब्जियों की जल्दी खराब होने की समस्या को हल करने के लिए आईआईटी रुड़की ने एक नई तकनीक विकसित की है. संस्थान के वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक मिट्टी (क्ले) से बना एक खास स्कैवेंजर तैयार किया है, जिससे फलों और सब्जियों की शेल्फ लाइफ 30% से 50% तक बढ़ाई जा सकती है. यह तकनीक फलों को करीब 21 दिनों तक ताजा बनाए रख सकती है.
यह स्कैवेंजर पेपर टेक्नोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कीर्तिराज के. गायकवाड़ और उनकी टीम द्वारा दो साल की कड़ी मेहनत और शोध के बाद तैयार किया गया है. हाल ही में इसे पेटेंट भी मिल चुका है.
कैसे काम करता है यह स्कैवेंजर?
यह प्राकृतिक क्ले एक मिश्रण के रूप में तैयार की जाती है जो फलों और सब्जियों की सतह पर एक मोटी परत बना देती है. यह परत फल-सब्जियों में प्राकृतिक रूप से निकलने वाली एथिलीन गैस को बाहरी वातावरण से संपर्क नहीं करने देती. इससे फलों का पकने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और वे लंबे समय तक ताजा बने रहते हैं.
पोषण भी रहेगा बरकरार
इस क्ले स्कैवेंजर के प्रयोग से न केवल फल ताजे रहते हैं, बल्कि उनकी पौष्टिकता भी बनी रहती है. शोध में पाया गया कि जिन फलों पर इसका प्रयोग किया गया, उनमें सामान्य फलों की तुलना में 30% ज्यादा न्यूट्रिशनल वैल्यू रही. इसके अलावा यह माइक्रोबियल ग्रोथ को भी कम करता है, जिससे फल जल्दी सड़ते नहीं हैं.
बड़े पैमाने पर होगा लाभ
इस तकनीक के जरिए किसानों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं को बड़ा लाभ मिलेगा. फल और सब्जियों की बर्बादी में कमी आएगी, रिटेल मार्केट में उत्पाद की सप्लाई बढ़ेगी और केमिकल के खतरों से भी मुक्ति मिलेगी. वर्तमान में हर साल दुनियाभर में लगभग 5 करोड़ टन फल-सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं, जिन्हें अब बचाया जा सकेगा.
यह तकनीक फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (Food and Drug Administration) से मान्यता प्राप्त है और आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति ला सकती है.