फसलोँ को विभिन्न प्रकार के मकड़ियोँ से लम्बे समय तक और प्रभावी ढंग से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से अग्रणी कृषि रसायन कम्पनी इंसेक्टिसाइड्स इंडिया लिमिटेड (आईआईएल) ने ‘कुनौची को बाजार में उतारा है, जो कि एक मकडीनाशक है और फसल की हर अवस्था में प्रभावी है।
कुनौची का आविष्कार निसान केमिकल कॉरपोरेशन, जापान द्वारा किया गया है जिसमेँ एक खास उत्पाद साइनोपायरीफेन 30% एससी है। आईआईएल भारत में निसान केमिकल कॉर्पोरेशन, जापान का पार्टनर है जो उसके उत्पादोँ की यहाँ मार्केटिंग करता है। यह उत्पाद दुनिया के अन्य हिस्सोँ में पहले ही रजिस्टर हो चुका है, जैसे कि जापान, साउथ कोरिया, कोलम्बिया, इक्वाडोर और चाइना।
निसान केमिकल कॉरपोरेशन, जापान के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री तकाशी होंडा ने कहा कि, “हमेँ इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड के साथ इस आविष्कारी उत्पाद को भारत में लेकर आने में बेहद खुशी है। यह बेहद प्रभावी उत्पाद है जिससे भारतीय किसानोँ को काफी लाभ होगा। हम आने वाले समय में भारत में ऐसी और नई तकनीकेँ लेकर आएंगे।“
श्री राजेश अग्रवाल, मैनेजिंग डायरेक्टर, इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड ने कहा कि, “आईआईएल जापान की अग्रणी कम्पनी निसान केमिकल कॉरपोरेशन के साथ वर्ष 2012 से काम कर रहा है और भारतीय बाजार में निसान के उत्पादोँ की अपार सफलता के बाद हम एक अन्य शोध आधारित अंतरराष्ट्रीय तकनीकी उत्पाद कुनौची को भारत में लेकर आए हैं। इस उत्पाद को इस प्रकार से तैयार किया गया है जो भारत में उगने वाली फसलोँ जैसे कि मिर्च और प्रीमियम फसलेँ जैसे कि सेब आदि के लिए उपयुक्त है, जो कि भारत से बडे पैमाने पर निर्यात किए जाते हैं। कुनोइची एक बेहतरीन उत्पाद है और हमेँ पूरी उम्मीद है कि यह देश के करोडोँ किसानोँ के लिए फायदेमंद साबित होगा। यह हर प्रकार की मकड़ियोँ पर प्रभावी है और 6 घंटे में ही अपना असर दिखाने लगता है। यह वर्तमान समय में दुनिया भर में उपलब्ध सबसे प्रभावी मकड़ीनाशक है।“
डॉ. आर. के. यादव, मैनेजिंग डायरेक्टर, निसान एग्रो टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने कहा कि, “निसान भारतीय किसानोँ के लिए अत्याधुनिक उत्पाद उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध है और हमारा मानना है कि पिछले वर्षोँ की ही तरह आगे भी हमारे उत्पादोँ को लेकर बेहतरीन प्रतिक्रिया मिलेगी।“
भारत में सिंथेटिक पैराथायरॉइड पेस्टिसाइड्स के अधिक इस्तेमाल की वजह से फसलोँ पर मकड़ियोँ का असर तेजी से बढ रहा है। हमारा नया मकडीनाशक सेब पर पाए जाने वाले दो स्पॉट वाले लाल स्पाइडर पर प्रभावी है और मिर्च की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कई प्रकार की मकड़ियोँ को नियंत्रित करता है। यह उत्पाद माइटोकॉन्ड्रियल कॉम्प्लेक्स 2 तक इलेक्ट्रॉन को पहुंचाता है और कोशिकाओँ को ऊर्जा के इस्तेमाल से रोकता है। एक एकड फसल के लिए 80-120 मिली उत्पाद 200 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव किया जाता है। कुनौची एक आधुनिक मकड़ीनाशक है जो लम्बे समय तक मकडियोँ को नियंत्रित करता है और यह किसी अन्य मकड़ीनाशकोँ के साथ प्रतिरोध भी उत्पन्न नहीं करता है-ऐसे में उत्पाद को किसी अन्य मकडीनाशक और कीटनाशक के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड के बारे में
इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड (आईआईएल), जो कि एक बीएसई और एनएसई लिस्टेड कम्पनी है, एग्रोकेमिकल्स उत्पाद बनाने वाली भारतीय की टॉप 10 कम्पनियोँ में से एक है। आईआईएल 2018-2019 के दौरान 1192 करोड रुपये का कारोबार करके फसल देखभाल बाजार में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली कम्पनी के तौर पर उभरी है।
कम्पनी इस साल जोरदार तरीके से आगे बढ रही है। कम्पनी के पास प्रतिष्ठित ट्रैक्टर ब्रांड है, जो किसानो के बीच बेहद लोकप्रिय है। कम्पनी के कई कृषि उत्पादोँ का यह संकलित ब्रांड इसके कृषक समुदाय के साथ गहरे रिश्ते को दर्शाता है। कम्पनी 100 से भी अधिक उत्पाद बनाती है जिनमेँ सबसे अधिक बिकने वाले उत्पादोँ में शामिल हैं लेथल, विक्टर, थिमेट, नुवान, मोनोसिल, एक्सप्लोड, मायकोराजा, पल्सर और हकामा। कम्पनी ने पिछ्ले साल एक नया हर्बिसाइड, ग्रीन लेबल लॉन्च किया है जो कि भारतीय किसानोँ के फायदे के लिए देश में पहली बार बना है।
कम्पनी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने-माने कृषि उत्पाद ब्रांड “थिमेट” और “नुआन” के उत्पादन और मार्केटिंग के लिए अमेरिकन वैनगॉर्ड कॉर्पोरेशन (एएमवीएसी), यूएसए के साथ एक तकनीकी और मार्केटिंग सम्बंधी समझौता किया है। आईआईएल का जापानी कम्पनी निशान केमिकल्स के साथ उनके दो उत्पाद पल्सर और हकामा के भारत में उत्पादन और मार्केटिंग के लिए टाइ-अप है। पिछ्ले साल कम्पनी ने मोमेंटिव, यूएसए के साथ टाइ-अप किया और भारत में ऐग्रोस्प्रेड*मैक्स लॉन्च किया, जो कि सिलिकन से बना सुपर स्प्रेडर है। यह किसानो के एग्रोकेमिकल्स की क्षमता बढाने में मदद करता है। कम्पनी ने जापान की निहोन नोहायकू कम्पनी के साथ उनके उत्पाद सुज़ुका औ हक्को के लिए भी टाइ-अप किया है।
इस साल कम्पनी ने अपना एक नया आविष्कारी बायोलॉजिकल उत्पाद भी लॉच किया है। कायाकल्प नाम का यह उत्पाद मिट्टी की गुणवत्ता बढाता है। मिट्टी को नई ऊर्जा देने वाले इस उत्पाद को लेकर देश के सभी हिस्सोँ के किसानोँ की ओर से बेहतरीन प्रतिक्रिया मिल रही है। कम्पनी की चोपांकी (राजस्थान), साम्बा और ऊधमपुर (जम्मू एवम कश्मीर), और दाहेज (गुजरात)में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट फॉर्मुलेशन सुविधा है। आईआईएल के दो तकनीकी सिंथेसिस प्लांट चोपांकी और दाहेज में हैं जहाँ तकनीकी ग्रेड के केमिकल्स बनाए जाते हैं, जैसे कि लाम्बदा सैलोथ्रिन, बाइफेथ्रिन, थायमेथोग्जैम, डायफेंथुरॉन, डिक्लोर्वस, गायफोसेट, ऐट्रजिन, इमेज्थापेर, बिसरीबैकसोडियम, सल्फोसल्फरान, थायफनेटमिथाइल, मायक्लोबुटानिल, मेटल्ज़ाइल आदि जो कम्पनी को प्रतिस्पार्धत्मक श्रेणी में शामिल करते हैं।
2014 में, भारत में पहली बार आईआईएल ने ओएटी ऐग्रियो के साथ जापान में एक प्रॉडक्ट डिस्कवरी आरएनडी सेंटर की स्थापना भी की है। कम्पनी ने अगले पांच वर्षोँ में 2-3 नए एग्रोकेमिकल मॉलिक्यूल्स बनाने की योजना बनाई है। आईआईएल फाउंडेशन इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड की एक पहल है जो कि कृषि समबंधित आधुनिक जानकारियोँ और तकनीकोँ के आयात हेतु किसानोँ के साथ मिलकर काम करता है। आईआईएल फाउंडेशन ने हापुड जिला, उत्तर प्रदेश के किसानोँ को कृषि सम्बंधी आधुनिक जानकारियाँ मुहैया कराने के लिए आईसीएआर-आईएआरआई के साथ भी एक समझौता किया है।