केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी शुक्रवार को राष्ट्रीय बीज एवं मसाला अनुसंधान केंद्र, तबीजी (अजमेर) में इफको द्वारा आयोजित "किसान - फसल विचार गोष्ठी" में सम्मिलित हुए. इस अवसर पर उन्होंने किसानों और कृषि वैज्ञानिकों से सीधे संवाद किया और सरकार की किसान-हितैषी योजनाओं व कृषि विकास की प्राथमिकताओं पर विस्तार से चर्चा की.
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि अजमेर और राजस्थान की मिट्टी और जलवायु ने धनिया, जीरा, सौंफ और मेथी जैसी मसाला फसलों को अनोखा स्वाद और सुगंध दी है, जिसकी वजह से ये फसलें आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी हैं. उन्होंने अनुसंधान केंद्र को किसानों के लिए प्रकाश स्तंभ बताते हुए कहा कि यह संस्थान नई किस्में, उन्नत तकनीक और वैज्ञानिक खेती के तरीके उपलब्ध कराने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
इफको का योगदान और नैनो तकनीक: केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ने इफको की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था पिछले 53 वर्षों से किसानों को न केवल उर्वरक उपलब्ध करा रही है, बल्कि तकनीक, प्रशिक्षण और नवाचार भी उनके द्वार तक पहुँचा रही है. नैनो यूरिया, ड्रोन स्प्रे और जैव उर्वरक जैसी तकनीकें खेती में लागत घटाने, पर्यावरण की रक्षा करने और किसानों की आमदनी बढ़ाने में अहम योगदान दे रही हैं. उन्होंने नैनो यूरिया को कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल बताया
मोदी सरकार की किसान-हितैषी योजनाएँ: केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, कृषि अवसंरचना कोष और ई-नाम जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि और किसान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि मसाला फसलों की गुणवत्ता सुधार और निर्यात बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि किसानों को बेहतर आमदनी मिल सके.
भाजपा की परंपरा और किसानों के लिए आह्वान: केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि भाजपा की पहचान हमेशा किसान-हितैषी रही है. अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से गाँवों को जोड़ा था और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी किसानों को अन्नदाता के साथ-साथ नवाचार दाता बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. भागीरथ चौधरी ने किसानों से आह्वान किया कि वे वैज्ञानिक खेती अपनाएँ, मसाला फसलों की गुणवत्ता बढ़ाएँ और सहकारी संस्थाओं की सेवाओं का अधिकतम लाभ उठाएँ.