Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 17 November, 2021 4:39 PM IST
IFFCO Team

कृषि को बढ़ावा देने के लिए हर तरह की कोशिश की जा रही है और नये प्रयोगों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. ऐसे में इफको (IFFCO) ने 14 नवंबर तक अपने कलोल संयंत्र (Kalol Plant) से नैनो यूरिया की 1 करोड़ से अधिक बोतलों का रिकॉर्ड उत्पादन किया है.

इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "आज पूरे इफको परिवार को एक बड़े दिन के लिए हार्दिक बधाई क्योंकि हमने इफको नैनो यूरिया की बोतलों का 1 करोड़ से अधिक उत्पादन पार कर लिया है और यह टीम द्वारा किया गया एक शानदार काम साबित हुआ है".

अवस्थी को उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद देते हुए, नैनो यूरिया (Nano Urea) के वैज्ञानिक रमेश रलिया ने कहा, "यह आपके द्वारा दी गई प्रतिबद्धता, समर्थन और प्रेरणा के टीम वर्क मंत्र और नेतृत्व के साथ संभव था. हम आपके सम्मानित नेतृत्व में किसानों और हमारी धरती माता की सेवा करने के अवसर के लिए बहुत आभारी हैं.”

भारत का दबदबा (India's dominance)

यह स्मरणीय है कि भारत ने श्रीलंका में दूषित चीन उर्वरकों के उपयोग को छोड़कर 100,000 किलोग्राम नैनो नाइट्रोजन उर्वरक श्रीलंका को भेजा था. बैक्टीरिया से दूषित पाए जाने के बाद श्रीलंका ने चीन जैविक उर्वरक को उतारने से रोक दिया था.

IAF के दो C-17 ग्लोबमास्टर विमान पिछले सप्ताह 100,000 किलोग्राम इफको नैनो नाइट्रोजन के साथ श्रीलंका के बंदरानाइक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे. इसका उद्देश्य श्रीलंका सरकार को बिना किसी देरी के अपने किसानों को नैनो नाइट्रोजन उर्वरक की आपूर्ति करने में मदद करना था.

IFFCO स्थापित करेगा नए प्लांट्स (IFFCO to set up new plants)

इफको ने कई अन्य देशों में नैनो संयंत्र (Nano Urea) स्थापित करने का निर्णय लेने के साथ नैनो की वैश्विक पहुंच का विस्तार किया है. इफको कोपरर, कोऑपरेटिव कन्फेडरेशन ऑफ अर्जेंटीना और आईएनएईएस के साथ साझेदारी में अर्जेंटीना में नैनो यूरिया लिक्विड मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करेगा.

इसे भी पढ़ें: इफको नैनो यूरिया तरल के लाभ और सावधानियां

एक रिपोर्ट के अनुसार, इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी ने कहा कि उनका अगला लक्ष्य नैनो डीएपी का उत्पादन करना है. जानकार सूत्रों ने बताया कि नैनो डीएपी उत्पादन से संबंधित कागजात जहां उर्वरक मंत्रालय को पहले ही सौंपे जा चुके हैं, वहीं इफको जमीनी स्तर पर बुनियादी तैयारियां करने में जुटा है.

किसानों को होगा फायदा (Farmers will get benefit)

अवस्थी ने कहा, "सरकार से आगे बढ़ने का संकेत मिलने के बाद हमें खरोंच से शुरू करने की आवश्यकता नहीं है", अवस्थी ने जोर देकर कहा कि नैनो डीएपी किसानों को जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाएगा ताकि उनको किसानी में मदद मिल सके और उत्पादन अधिक से अधिक हो सके.

English Summary: IFFCO sets record for nano urea production, farmers will get tremendous benefit
Published on: 17 November 2021, 04:44 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now