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Updated on: 1 May, 2024 4:47 PM IST
IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी,

नैनो यूरिया पर चल रहे विवाद के बीचकेंद्र सरकार ने इफको (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड) नैनो जिंक लिक्विड और नैनो कॉपर लिक्विड बनाने की मंजूरी भी दे दी है. केंद्र ने यह मंजूरी तीन साल के लिए फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर 1985 के तहत दी है. इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.

पौधों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए फसल पोषण पर दो और नैनो टेक्नोलॉजी आधारित नए प्रोडक्ट जल्द ही बाजार में आ जाएंगे. हालांकि, इफको ने अभी तक इसकी बोतल के आकार, मूल्य, उत्पादन की जगह और वितरण का विवरण जारी नहीं किया है.

क्यों जरूरी है ज‍िंक और कॉपर?

जिंक और कॉपर माइक्रोन्यूटिएंट की श्रेणी में आने वाले उर्वरक हैं.मिट्टी में माइक्रो न्यूट्रीएंट का असंतुलन काफी बढ़ गया है.ऐसे में यह उर्वरक किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं. जिंक और कॉपर पौधों की वृद्धि और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. पौधों में ज‍िंक की कमी विश्व स्तर पर प्रमुख चिंताओं में से एक है. इसी प्रकार पौधों में कई एंजाइमी गतिविधियों और क्लोरोफिल और बीज उत्पादन के लिए कॉपर की आवश्यकता होती है.

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इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने एक ट्वीट कर इस बात की जानकारी साझा की. इस अधिसूचना के बाद अब नैनो टैक्नोलॉजी पर आधारित इफको के चार तरल उर्वरक उत्पाद किसानों को उपलब्ध हो सकेंगे. इफको नैनो यूरिया के बाद इफको के दूसरे तरल उर्वरक इफको नैनो यूरिया प्लस को सरकार ने अधिसूचित किया था और अब इफको नैनो जिंक (तरल) और इफको नैनो कॉपर (तरल) को तीन साल के लिए अधिसूचित किया गया है.

पौधों की ग्रोथ में मिलेगी मदद

डॉ. अवस्थी ने अपने बयान में कहा है कि जिंक की कमी पौधों के विकास को कम करती है.वहीं कॉपर की कमी के चलते पौधों में बीमारी लगने की आशंका बढ़ जाती है.यह दो उत्पाद फसलों में जिंक और कॉपर की कमी को दूर कर सकते हैं. माइक्रो न्यूट्रीएंट की कमी कुपोषण की एक बड़ी वजह है.उन्होंने इन उर्वरकों के अधिसूचित होने को इफको की टीम के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया है.

English Summary: IFFCO Nano Zinc and Nano Copper approved by the Center government notified for three years
Published on: 01 May 2024, 04:48 PM IST

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