देश के अन्नदाता मुख्यमंत्री कर्जमाफी योजना के तहत केवल दो लाख रूपये तक की कर्जमाफी का लाभ ले सकते हैं. इस योजना का लाभ वही किसान ले सकते हैं जिन्होंने बैंक से खाद-बीज और केवाईसी की तर्ज पर कर्ज ले रखा है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपने बैंक खाते को आधार से लिंक करना अनिवार्य होगा। यदि किसान ने आधार कार्ड को अपने बैंक खाते से लिंक नहीं करवाया है और कर्जमाफी ले लिए आवेदन कर दिया है तब किसान इसका पात्र नहीं माना जायेगा।
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार 15 जनवरी से एक लाइव पोर्टल चालू करेगी और इसी पोर्टल पर किसानों के आवेदन मंगवाये जायेंगे। इसके लिए किसानों को तीन श्रेणियों में रखा जायेगा। किसान जिस श्रेणी के अनुरूप होगा उसे उस रंग का फार्म भरना होगा। फार्म के लिए सरकार किसान से कोई भी चार्ज नहीं लेगी.
15 जनवरी से ग्राम पंचायत भवन व वार्ड ऑफिस पर कर्जदार किसानों की सूची को प्रदर्शित कर दिया जायेगा। यह सूची तीन रंगो में विभक्त होगी- हरी, सफेद व गुलाबी. हरी सूची में उन किसानों के नाम दिये जायेगें जिन किसानो के खाते आधार से लिंक होंगे. सफेद सूची में उनके नाम होंगे जिनके खाते से आधार अभी तक लिंक नहीं हुए है. इसके आलावा गुलाबी सूची में वे किसान होंगे जिनका नाम इन दोनों सूचियों में गलत लिखा है या नाम है ही नहीं। जो किसान जिस रंग की सूची में है उसे आवेदन भी उसी रंग के फार्म के साथ करना होगा।
इसके लिए किसान जिस ग्राम पंचायत का निवासी होगा उसे उस पंचायत के सचिव, ग्राम रोजगार सहायक व नोडल अधिकारी के पास फार्म जमा कर सकते हैं. इसके आलावा किसान निगम सीमा के अंर्तगत आने वाले फार्म को वार्ड ऑफिस में भी जमा करा सकते है. भले ही अलग-अलग बैंकों से किसान ने क्रेडिट कार्ड के तहत अधिक कर्ज ले रखा हो।
1 अप्रैल 2007 से लेकर 31 मार्च 2018 के बीच कृषि ऋण लेने वाले सभी किसानों को इस योजना का लाभ दिया जायेगा। कर्जमाफी की राशि किसान के खाते में पहुंचने के बाद ही ऋण मुक्ति का प्रमाण पत्र दिया जायेगा। इसके साथ ही जिन्होनें 12 दिसंबर 2018 तक आंशिक रूप से अथवा पूर्ण रूप से कर्ज का भुगतान कर दिया है उनको भी इस योजना का लाभ मिलेगा. बैंक की ओर से राशि पहुंचने के बाद बैंक बकाया काटकर बाकी का पैसा किसान के खाते में पहुंचा देगा। सभी लाभार्थियों को सम्मान प्रमाण पत्र भी मिलेगा।