भारत, जापान, चीन, अमरीका, इजराइल और रूस के बीच मौजूदा वक़्त में आधुनिक हथियारों को लेकर होड़ मची हुई है. ये सभी देश अपनी सेना को अलग-अलग मोर्चों पर मजबूत बनाने के लिए कई तरह के आधुनिक हथियारों को अपने बेड़े में शामिल कर रहे है. इसी बीच अमेरिकी विमान कंपनी 'लॉकहीड मार्टिन' ने कहा है कि अगर भारत से उसे 114 विमानों का ऑर्डर मिल गया तो वह अपने नए एफ-21 युद्धक विमान किसी और देश को नहीं बेचेगी.' लॉकहीड मार्टिन कंपनी के इस प्रस्ताव को रक्षा विशेषज्ञ उसके अपने अमेरिकी, यूरोपीय और रूसी प्रतिस्पर्धियों कंपनियों पर बढ़त बनाने के प्रयास के रूप में देख रहे है.
दरअसल 'लॉकहीड मार्टिन' कंपनी में रणनीति और कारोबारी विकास के उपाध्यक्ष विवेक लाल ने एक इंटरव्यू में कहा है कि 'अगर एफ-21 ने कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया तो भारत को कंपनी के वैश्विक युद्धक तंत्र में भी शामिल किया जाएगा जो करीब 165 अरब अमेरिकी डॉलर का बाजार है. उन्होंने आगे कहा कि इस नए लड़ाकू विमान को भारत के 60 से भी ज्यादा वायुसैनिक अड्डों से संचालित कर सकने के लिहाज से डिजाइन किया गया है. इस लड़ाकू विमान के प्रमुख विशेषताओं में इंजन मैट्रिक्स, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली और हथियार ले जाने की क्षमता है.
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना (Indian Air Force ) ने हाल ही में 18 अरब डॉलर की लागत से 114 युद्धक विमान खरीदने के लिए 'जानकारी के लिए अनुरोध' ( Request for Information ) या शुरुआती निविदा ( Initial tender ) जारी की थी. जिसे मौजूदा दौर में दुनिया की सबसे बड़ी हथियार की खरीद माना जा रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस सौदे के प्रमुख प्रतिस्पर्धियों में लॉकहीड मार्टिन का एफ-21, बोइंग का एफ/ए-18, दासौ एविएशन का राफेल, यूरोफाइटर का टाइफून, रूस का मिग-35 और साब का ग्रिपेन आदि विमान शामिल है. शायद इसलिए ही लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने कंपनियों के इस होड़ में अपनी बढ़त बनाने के लिए कहा है.