सोमवार को संस्थान में “कौशल से किसान समृद्धि” कार्यक्रम के तहत “डिजिटल कृषि के माध्यम से किसानों का सशक्तिकरण” विषय पर पाँच दिवसीय किसान प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया। यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत प्रायोजित किया जा रहा है।
डिजिटल तकनीक भारतीय कृषि का भविष्य:
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि डिजिटल कृषि तकनीकें भारतीय कृषि के भविष्य को नया आयाम दे रही हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवा कृषकों को भविष्य में आने वाली कृषि चुनौतियों के लिए तैयार करना है। डॉ. दास ने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि आज सभी जानकारियों तक हमारे मोबाइल फोन द्वारा पहुंचा जा सकता है, इसलिए किसान भाइयों को कृषि ऐप, इंटरनेट एवं नई तकनीकों को सीखकर स्वयं उद्यमी बनना चाहिए।
इससे पूर्व, कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. धीरज कुमार सिंह के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने किसानों को डिजिटल तकनीकों से जोड़ने के महत्व और इस प्रशिक्षण की वर्तमान प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
प्रशिक्षण के दौरान, भूमि एवं जल प्रबंधन प्रभाग के प्रमुख डॉ. आशुतोष उपाध्याय ने कंप्यूटर में एम.एस. वर्ड, एक्सेल एवं पावरपॉइंट की उपयोगिता और महत्ता पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने किसानों को डिजिटल कृषि उपकरणों तथा उनके व्यावहारिक उपयोग के बारे में भी विस्तार से समझाया।
उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर जोर:
कार्यक्रम की रूपरेखा पर जानकारी देते हुए सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार प्रभाग के प्रमुख डॉ. उज्ज्वल कुमार ने कहा कि डिजिटल कृषि वर्तमान समय की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता बन चुकी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह प्रशिक्षण किसानों को आधुनिक प्रौद्योगिकियों से जोड़कर कृषि उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
फसल अनुसंधान प्रभाग के कार्यकारी प्रमुख डॉ. ए.के. चौधरी ने भी डिजिटल नवाचारों तथा किसानों के बीच तकनीकी संवर्धन के महत्व पर अपने विचार साझा किए।
विदित हो कि यह पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों को डिजिटल कृषि उपकरणों, मोबाइल ऐप्स, सेंसर-आधारित खेती, ड्रोन तकनीक तथा डेटा-आधारित कृषि प्रबंधन जैसे अत्याधुनिक विषयों पर गहन और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा। कार्यक्रम के अंत में डॉ. रोहन कुमार रमण ने सभी प्रतिभागियों तथा वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त किया।