टिकाऊ कृषि के माध्यम से जायडेक्स कर रहा एक हरित भविष्य का निर्माण बाढ़ से फसल नुकसान पर किसानों को मिलेगा ₹22,500 प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा, 5 सितंबर 2025 तक करें आवेदन बिना गारंटी के शुरू करें बिजनेस, सरकार दे रही है ₹20 लाख तक का लोन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 18 July, 2025 4:36 PM IST
आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट

आईसीएआर-राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर मुशहरी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक एवं डेयर सचिव डॉ. एम.एल. जाट की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया. यह बैठक लीची अनुसंधान में नवाचार और किसानोन्मुखी दृष्टिकोण को अपनाते हुए संस्थान की भावी दिशा तय करने को लेकर आयोजित की गई थी.

बैठक के दौरान महानिदेशक डॉ. जाट ने लीची की शेल्फ लाइफ (भंडारण क्षमता) बढ़ाने पर विशेष अनुसंधान करने की जरूरत बताई. उन्होंने वैज्ञानिकों से बागवानी, जैवप्रद्योगिकी और खाद्य विज्ञान के विशेषज्ञों के साथ मिलकर एक समन्वित अनुसंधान मॉडल विकसित करने का आह्वान किया.

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि वैज्ञानिकों को टीमवार लक्ष्य दिए जाएं, जिससे अनुसंधान के परिणाम जल्द और प्रभावी रूप से सामने आ सकें. डॉ. जाट ने संस्थान की तकनीकों के व्यावसायीकरण पर जोर देते हुए लीची की खेती के माध्यम से चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस प्रयास करने को कहा. उन्होंने किसानों को लाभ पहुंचाने वाली तकनीकों के त्वरित प्रचार-प्रसार की भी बात कही.

इस अवसर पर एनआरसीएल के निदेशक डॉ. बिकास दास ने अनुसंधान के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिस पर महानिदेशक ने राज्‍य सरकार से शीघ्र उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. बैठक में लीची के प्रगतिशील किसान जानकी रमण प्रसाद सिंह, मुक्‍तेश्‍वर प्रसाद सिंह,  राधेश्‍याम तिवारी, प्रभाकर सिंह आदि लोग शामिल हुए. जानकी रमण प्रसाद सिंह ने संस्थान के लीची की कटाई एवं छंटाई सुविधा किराये पर उपलब्ध कराने और लीची की फसल के लिए उपयुक्त बीमा व्यवस्था शुरू करने की मांग रखी.

डॉ. जाट ने इन दोनों मांगों को आवश्यक पहल करने का आश्वासन दिया. किसानों ने लीची आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली को प्रोत्साहन देने हेतु सरकारी सहायता का भी अनुरोध किया, जिस पर महानिदेशक ने सकारात्मक संकेत दिए. बैठक के उपरांत डॉ. जाट ने संस्थान की विभिन्न शोध एवं प्रसंस्करण इकाइयों का निरीक्षण किया तथा तकनीकी सुदृढ़ीकरण के लिए सुझाव भी दिए.

इस अवसर पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अभय कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. भाग्या विजयन,  डॉ. इपसिता साम्‍ल,  ई. अंकित कुमार, डॉ. अशोक धाकड़, उपज्ञा साह, वित्‍त एवं लेखा अधिकारी कुश बाघला, दिलीप कुमार एवं परियोजना सहायक श्याम पंडित उपस्थित रहे.

लेखकरामजी कुमार, एफटीजे बिहार

English Summary: ICAR director general Dr ML Jat sets new direction for research at NRCL announcements for Litchi farmers
Published on: 18 July 2025, 04:37 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now