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Updated on: 18 December, 2023 6:40 PM IST
ICAR-CAZRI ने विकसित की चारा उत्पादन की नई तकनीक.

हरे चारे से साल भर परेशान होने वाले पशुपालकों के लिए एक खुशखबरी है. खासकर शुष्क क्षेत्रों के पशुपालकों के लिए, जहां साल भर हरा चारा मिलना काफी मुश्किल होता है. पशुपालकों की इस समस्या को दूर करते हुए ICAR-CAZRI जोधपुर ने इसका समाधान निकाला है. ICAR-CAZRI जोधपुर ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे शुष्क क्षेत्रों में साल भर चारे का उत्पादन हो पाएगा. इस तकनीक के तहत हरे चारे का उत्पादन नेपियर हाइब्रिड आधारित प्रणाली से किया जाएगा. 

ICAR-CAZRI के वैज्ञानिकों ने बताया कि बाजरा नेपियर हाइब्रिड प्रणाली से 1 हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 244 टन हरा चारा प्राप्त किया जा सकता है, जो 50 दूध देने वाले पशुओं की चारे की आवश्यकता को पूरा करता है. यह तकनीक राजस्थान के 17 जिलों के 622 गांवों के 4782 किसानों तक पहुंचाई जा चुकी है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तकनीक से चारा उत्पादन बढ़ा है, जिससे किसानों को

इस तकनीक का विकास डॉ. आर.एन. कुमावत ने अपनी टीम के साथ मिलकर किया था और इसे जुलाई, 2023 के दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रमाणित किया गया है. बता दें कि पशुपालकों के सामने सबसे अधिक समस्या हरे चारे की आती है. देश के कई क्षेत्रों मे खासकर शुष्क क्षेत्रों में साल भर चारा मिलना काफी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में ये तकनीकी पशुपालकों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी और उन्हें साल भर अपने पशुओं के लिए हरा चारा मिल पाएगा. 

English Summary: ICAR-CAZRI developed new technology of fodder production now fodder will be available throughout the year
Published on: 18 December 2023, 06:41 PM IST

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