मानसून में Kakoda ki Kheti से मालामाल बनेंगे किसान, जानें उन्नत किस्में और खेती का तरीका! ये हैं धान की 7 बायोफोर्टिफाइड किस्में, जिससे मिलेगी बंपर पैदावार दूध परिवहन के लिए सबसे सस्ता थ्री व्हीलर, जो उठा सकता है 600 KG से अधिक वजन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Karz maafi: राज्य सरकार की बड़ी पहल, किसानों का कर्ज होगा माफ, यहां जानें कैसे करें आवेदन Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Krishi DSS: फसलों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से सरकार ने लॉन्च किया कृषि निर्णय सहायता प्रणाली पोर्टल
Updated on: 25 November, 2023 6:17 PM IST
पुथारी एफपीओ उत्पाद - कोडागु केवीके

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), नई दिल्ली के तहत देशभर में चौथी पंचवर्षीय योजना के माध्यम से कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) स्थापित किए जा रहे हैं. मालूम हो कि केवीके केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता से आईसीएआर संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू), राज्य सरकार के विभागों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के माध्यम से चलाए जाते हैं. वहीं, उप महानिदेशक कृषि विस्तार प्रभाग का प्रमुख होता है. देश में 11 आईसीएआर-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थानों (एटीएआरआई) के माध्यम से उप महानिदेशक द्वारा कृषि ज्ञान केंद्रों की निगरानी और समीक्षा की जाती है. देखा जाए तो आईसीएआर-एटीएआरआई केवीके नेटवर्क के माध्यम से प्रौद्योगिकी मूल्यांकन, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और कृषक समुदाय के विकास में सबसे आगे हैं.

इस लिस्ट में सबसे पहले हेब्बल, बेंगलुरु में स्थित आईसीएआर-अटारी, जोन-XI है. जिसके द्वारा 48 केवीके भी नियंत्रित किये जाते हैं. कर्नाटक (33), केरल (14) और लक्षद्वीप (1), जिनमें से एसएयू (33 केवीके), एनजीओ (8 केवीके) और आईसीएआर संस्थान (7 केवीके) संचालित हो रहे हैं.

कृषि-पारिस्थितिकी स्थिति और प्रचलित फसल और खेती प्रणालियों के आधार पर, केवीके आमतौर पर निम्नलिखित क्षेत्रों पर काम कर रहे हैं:-

  • तकनीकी और गुणवत्तापूर्ण इनपुट बैक-अप के माध्यम से उन्नत फसलों और पशुधन नस्लें

  • एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन और जैविक खेती रणनीतियों के माध्यम से सतत फसल उत्पादन

  • एकीकृत कीट एवं रोग नियंत्रण

  • प्रौद्योगिकी हस्तक्षेपों के माध्यम से बेहतर पोषण, आय और कठिन परिश्रम को कम करके महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाना

  • पक्षियों और जानवरों का वैज्ञानिक प्रबंधन

  • फसल विविधीकरण और आय बढ़ाने के लिए बागवानी को बढ़ावा देना

  • घरेलू और वाणिज्यिक उद्यमों का मूल्यवर्धन, प्रसंस्करण और बाजार सुविधा

  • मृदा एवं जल संरक्षण

  • समय बचाने, लागत कम करने और कठिन परिश्रम कम करने के लिए छोटे पैमाने पर मशीनीकरण

  • स्व-रोज़गार इकाईयां स्थापित करने की क्षमता बढ़ाना

  • मत्स्य पालन क्षेत्र में मानव संसाधन विकास

केवीके नेटवर्क के माध्यम से विशेष कार्यक्रम/योजनाएं

जोन XI में केवीके के नेटवर्क के माध्यम से अटारी द्वारा संचालित विशेष कार्यक्रम/योजनाएं निम्नलिखित हैं:-

  • क्लस्टर फ्रंटलाइन डेमोस्ट्रेस्टन ऑन पल्स ऑर्डर NFSM

  • क्लस्टर फ्रंटलाइन डेमोस्ट्रेस्टन ऑन ऑल सीड ऑर्डर NFSM (NMOOP)

  • सीड हब ऑन पल्स

  • नेशनल इनोवेटिव इन क्लाइमेट रिटेनिंग एग्रीकल्चर (NICRA)

  • स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम (ASCI)

  • एट्रेटिक एंड रिटेनिंग यूथ इन एग्रीकल्चर (ARYA)

  • स्वच्छता अभियान

  • डिस्टिक एग्रो मेट्रोलॉजी यूनिट (DAMU)

  • फार्मर फर्स्ट

जोनल वर्कशॉप 2022 धारवाड़ में आयोजित - किसान समृद्धि का विमोचन
नारियल मूल्यवर्धित उत्पाद - केवीके, उडुपी, कर्नाटक
बेल्लारी जिले के महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार अंजीर के मूल्यवर्धित उत्पाद
कोविड के दौरान केवीके उडुपी द्वारा तरबूज की बिक्री
किसान कठिन परिश्रम शमन ड्रोन - केवीके तिरुवनंतपुरम
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप को जैविक प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए
English Summary: ICAR-ATARI zone xi bengaluru food, nutrition and livelihood security through inclusive technologies and innovative approaches
Published on: 25 November 2023, 06:25 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now