भारत को जड़ी -बूटियों का केंद्र माना जाता है. भारत में पाए जाने वाली जड़ी बूटियाँ दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं. वहीं देश में वनस्पतियों की 49,000 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं. इसमें फूल के पौधों की 16,000 प्रजातियां शामिल हैं. भारत में पाए गए सभी पौधों में वैज्ञानिक अध्ययन और अनुसंधान से पता चला है कि लगभग 3,000 पौधों में औषधीय गुण हैं, जिनका पारंपरिक उपचार में इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन भारत में इन पौधों की प्रजातियाँ विलुप्त होने की कगार पर नजर आते जा रहे हैं-
दरअसल, पौधों के प्राकृतिक आवासों का विनाश और बढ़ता शहरीकरण, रासायनिक उर्वरकों के अनियंत्रित उपयोग के अलावा, मिट्टी, वायु, प्रदूषित पानी, प्लास्टिक का उपयोग और उद्योगों की संख्या में वृद्धि के कारण इन औषधीय पौधों की प्रजातियाँ विलुप्त होती जा रही हैं. ऐसे में इनकी पहचान और संरक्षण के लिए बीएचयू ने एप लॉन्च किया है जो पौधों की वास्तविक हालातों पर नज़र रखेगा. यह ऐप हाइपरस्पेक्ट्रल डिजिटल लाइब्रेरी ऐप से जाना जाता है. आइये जानते हैं इस ऐप की के बारे में.
हाइपरस्पेक्ट्रल डिजिटल लाइब्रेरी ऐप (Hyperspectral Digital Library App)
यह देश का पहला डिजिटल ऐप है, जिसमें मोबाइल फोन पर पौधे की अचूक लोकेशन का मैप उपलब्ध होगा. साथ ही, यह पौधे की सेहत की जानकारी भी देगा, ताकि उसकी उचित देखभाल की जा सके. बता दें यह ऐप हिमालय क्षेत्र की जैव विविधता के संरक्षण में यह डिजिटल लाइब्रेरी बेहद मददगार साबित होगी.
पौधों की लाइब्रेरी बनाने में लगा तीन साल (Took Three Years To Build a Library of Plants)
स्पेक्ट्रल टूल आफ हिमालयन रेयर इन्वेंटिव मेडिसिनल एंड इकोनामिकल प्लांट स्पीशीज नाम की इस लाइब्रेरी को बनाने में करीब तीन साल का समय लगा है. इसे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मिशन आन हिमायन स्टडीज के तहत विकसित किया गया है. जिसका का उद्घाटन सीएसआइआर फोर्थ पैराडाइम इंस्टीट्यूट, बेंगलुरु के विज्ञानी प्रो.विनोद कुमार गौड़ व जीबी पंत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन एनवायरमेंट, अल्मोड़ा, उत्तराखंड के निदेशक व विज्ञानी किरीट ने किया.
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हाइपरस्पेक्ट्रल डिजिटल लाइब्रेरी ऐप से लाभ (Benefit From The Hyperspectral Digital Library App)
हाइपरस्पेक्ट्रल डिजिटल लाइब्रेरी ऐप की मदद से देश के विज्ञानियों को औषधियों पौधों की तलाश में कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होगी. वे इस तकनीक के माध्यम से ही पौधों का स्नारक्षण कर सकते हैं. इस तकनीक से उनका पैसा और समय दोनों की बचत होगी.
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