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Updated on: 30 December, 2023 3:25 PM IST
किसानों के लिए कैसा रहा 2023?

साल 2023 अब अपने अंतिम प्रड़ाव पर है और नया साल बाहें फैलाकर सभी के स्वागत के लिए तैयार है. नए साल से सभी को काफी उम्मीदे हैं, खासकर कृषि क्षेत्र को. भारत में कृषि क्षेत्र लगातार विकास कर रहा है. ऐसे में आने वाले साल से किसानों को खासी उम्मीदे हैं. गुजरा साल कृषि क्षेत्र के लिए काफी अच्छा रहा. इस दौरान कृषि से जुड़ी कई नई योजनाएं लॉन्च की गई, जो किसानों को फायदा पहुंचा रही हैं. इसके साथ ही किसानों ने प्राकृतिक मार का भी सामना किया. कृषि योजनाओं के अलावा बीता साल बेमौसमी बारिश और सूखे के भी जाना जाएगा. प्राकृतिक मार के चलते फसलों के उत्पादन पर काफी असर पड़ा, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा.

वर्तमान में भी देश के कई इलाके मौसम संबंधी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. हालांकि, किसान फिर भी अपनी सूझबूझ के साथ नए साल में कुछ नया करने की तैयारी में है. किसानों को पूरी उम्मीद है की नया साल उनके लिए कुछ खास लेकर आएगा. इसकी एक वजह बीते साल की कुछ अच्छी बाते भी हैं. तो आइए आपको बताते हैं की कृषि क्षेत्र के लिए बीता साल कैसा रहा और आने वाला साल क्यों किसानों के लिए खास रहने वाला है?

20 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड का तोहफा

गुजरे साल में 20 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का गिफ्ट मिला. किसानों की आर्थिक सहायता के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना को शुरू किया गया है. यह देश की सबसे कम ब्याज वाली ऋण स्कीम है. इस स्कीम के तहत किसानों को छोटे समय के लिए लोन मिलता है, जिससे किसान अचानक आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. इसका एक फायदा यह भी है कि किसानों को इस स्कीम के अंतर्गत मिलने वाले ऋण पर अधिक ब्याज भी नहीं देना पड़ता है, उन्हें कुछ कम ब्याज पर ऋण मिलता है.

कृषि में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा

ये साल कृषि क्षेत्र में ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए भी याद किया जाएगा. सरकार कृषि में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, ताकि एग्री सेक्टर में आधुनिक मशीनों का उपयोग बढ़ाया जा सके, खेती की लागत कम की जा सके और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की स्थिति सुधारी जा सके. इसके लिए किसानों को ड्रोन खरीद पर भारी सब्सिडी प्रदान की जा रही है. इतना ही नहीं सरकार उन्हें ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग भी दे रही है. इसके साथ ही कई फर्टिलाइजर कंपनियां ग्रामीण इलाकों में उर्वरक और रसायनों को छिड़काव के लिए किसानों को किराए पर ड्रोन मुहैया करवा रही हैं.

मोटे आनाज को बढ़ावा

साल 2023 में देश भर में मोटे अनाज को बढ़ाने के लिए श्री अन्न योजना शुरू की गई. इस योजना के तहत सरकार किसानों को मोटे अनाज की उपज के लिए आर्थिक और कृषि संबंधित मदद दे रही है.
इससे भारत दुनिया के श्री अन्न का ग्लोबल लीडर के रूप में उभरेगा. इस योजना के तहत खासकर उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए श्री अन्न पर विशेष महत्व दिया. इसी कड़ी में, यूपी सरकार ने नवंबर से दिसंबर 2023 के बीच 3 माह में मोटे अनाज की खरीद का लक्ष्य बढ़ाकर 5.82 लाख मीट्रिक टन कर दिया.

कृषि मंत्रालय का नाम बदला 

किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पिछले सात दशकों से पुराने कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर "कृषि एवं किसान कल्याण" मंत्रालय कर दिया गया. नाम बदलने के पीछे सरकार की यह सोच है की इससे कृषि क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास में सहायता मिलेगी. भारत में स्वतंत्रता से पहले राजस्व, कृषि और वाणिज्य विभाग एक हुआ करते थे. जिसकी स्थापना जून 1871 में हुई है. इसके बाद, 1881 में इसे पुनःसंगठित करके राजस्व और कृषि विभाग को अलग कर दिया गया था. जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तब कृषि विभाग को कृषि मंत्रालय का नाम दिया, जो इस साल सरकार ने बदल दिया.

बागवानी के लिए 2200 करोड़

साल 2023 में बागवानी के लिए 2,200 करोड़ रुपये की राशि अलॉट की गई है. सरकार ने 2,200 करोड़ रुपये का उपयोग करके उच्च गुणवत्ता वाली बागवानी फसलों के लिए रोगमुक्त गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्धता में सुधार करने के लिए आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम का आयोजन किया. इस साल, इस बड़ी मदद ने बागवानी से जुड़े किसानों को बड़ी सहायता प्रदान की गई.

मत्स्य सम्पदा की नई उपयोजना

पीएम मत्स्य सम्पदा की नई उपयोजना के जरिए 6000 करोड़ खर्च किया जायेगा. गुजरे साल में इससे जुड़ा फैसला लिया गया. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जरिए देश में मछली का उत्पादन बढ़ाने की शुरुआत 2023 से की गई. सरकार की तरफ से इसके सफलतापूर्वक संचालन के लिए 20,050 करोड़ रुपए की धनराशि निर्धारित कर दी गई है. सरकार ने इस योजना की शुरुआत 17000 करोड़ से किया है. निर्धारित धनराशि का उपयोग सरकार द्वारा 2021 और 2025 तक किया जाएगा.

जैव इनपुट संसाधन केंद्र खोलने का फैसला

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 10 हजार जैव इनपुट संसाधन केंद्र खोले जा रहे हैं. गुजरे साल में जैव इनपुट संसाधन केंद्र खोलने का फैसला अहम कदम था. ये केंद्र किसानों को प्राकृतिक कृषि पद्धतियों के लिए जरूरी जैव-संसाधनों तक आसान पहुंच में सहायक हैं. गाय का गोबर और मूत्र, नीम और अन्य प्राकृतिक इनपुट इसके महत्वपूर्ण घटक हैं. ये जैव-इनपुट संसाधन केंद्र रणनीतिक रूप से प्राकृतिक खेती के प्रस्तावित 15 हजार मॉडल समूहों के साथ स्थित हैं, जिससे यह तय होता है कि किसानों को उन संसाधनों तक पहुंच है जिनकी उन्हें रूरत है.

MSP में बढ़ोतरी

यह बड़ी शिकायत थी कि किसानों को उनकी उपज के लिए सही दाम नहीं मिल रहे थे. साल 2023 में केंद्र सरकार ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में सुधार किया है, इससे उत्पादक किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सकेगा. इस साल जौ और चने के लिए क्रमश: 115 रुपये प्रति क्विंटल और 105 रुपये प्रति क्विंटल की सुधार की मंजूरी दी गई.

घरेलू उत्पादन को बढ़ावा

तिलहन की खेती करने वाले किसानों के लिए पिछले वर्ष अच्छा रहा है. अब सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. खाद्य तेल की अधिकांश मांग भारत आयात के माध्यम से पूरी करता है और यह दुनिया में पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का सबसे बड़ा आयातक है. सभी आयातित खाद्य तेलों में, पाम तेल की हिस्सेदारी लगभग 57 प्रतिशत है, इसके बाद सोयाबीन तेल की हिस्सेदारी 29 प्रतिशत है और सूरजमुखी की 14 प्रतिशत है. भारत प्रमुखतः इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल आयात करता है, जबकि सोयाबीन तेल का बड़ा हिस्सा अर्जेंटीना और ब्राजील से आता है. इसी तरह सूरजमुखी तेल रूस और यूक्रेन से आयात होता है.

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जैविक खेती को बढ़ावा

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पूर्वाग्रही कृषि विकास योजना पर हाल ही में खास जोर दिया गया है. पूर्वाग्रही कृषि विकास योजना के तहत सरकार तय करेगी कि जैविक खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता तीन वर्षों के लिए प्रदान की जाएगी. इस रकम में से 31 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के लिए जैविक उर्वरक, कीटनाशक, और बीज प्रदान किए जाएंगे. मूल्यवर्धन और वितरण के लिए 8800 रुपये दिए जाएंगे.

किसानों को आर्थिक सहायता

आर्थिक विकास के लिए इस साल भी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान की गई. बीते साल में इस योजना को विशेष महत्व दिया गया. इस योजना के अंतर्गत किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये प्राप्त होते हैं. इस राशि को किसानों को हर 4 महीनों के बाद तीन अलग-अलग किस्तों में दिया जाता है. उम्मीद है नए साल में सरकार इस राशि में बढ़ोतरी कर सकती है. इस योजना के तहत अब तक किसानों के खातों में 15 किस्तों की ट्रांसफर की जा चुकी है. अगली और 16वीं किस्त फरवरी में जारी होने की उम्मीद है.

किसानों को कर्ज की सुविधा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 वित्त वर्ष के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कई बड़े ऐलान किए. सरकार ने किसानों को 20 लाख करोड़ रुपये तक कर्ज देने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने बताया कि यह कार्य किसानों को खेती की योजनाएं बनाने, बीमा करने, कर्ज लेने, मार्केट इंटेलिजेंस जानने, स्टार्टअप और कृषि-आधारित उद्योगों तक पहुंचने में मदद करेगा. इससे उत्पादन क्षमता और लाभ कमाने की क्षमता भी बढ़ेगी. किसान, सरकार और उद्योगों के बीच समन्वय बढ़ाएगा. इसके लिए एक एग्रीकल्चर एक्सेलरेटर फंड बनाया जाएगा ताकि कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा मिल सके. यह उपाय आधुनिक तकनीक को भी बढ़ा सकेगा.

कृषि क्षेत्र के लिए 2024 क्यों है खास?

नए साल से सभी को काफी उम्मीदे हैं. खबर है की केंद्र सरकार नए साल के बजट में कृषि के विकास और किसानों की आय बढ़ाने के लिए अपना खजाना खोल सकती है. खबर ये भी है की PM Kisan Yojana की राशि 6 हजार से बढ़ाकर 9 हजार रुपये की जा सकती है. इसके साथ ही सरकार फसलों के बीमा का दायरा बढ़ाने पर भी विचार कर रही है. खबर है की सरकार 2024-25 के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान कर सकती है. अगर ऐसा होता है तो ये वर्तमान वित्त वर्ष में जारी किए गए 1.44 लाख करोड़ रुपये के बजट की तुलना में करीब 39 प्रतिशत अधिक होगा. इस निधि के सहायता से किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही फसल बीमा के क्षेत्र का विस्तार भी होगा.

English Summary: How was 2023 for the agriculture sector and farmers know why 2024 is going to be special Sarkari Yojana
Published on: 30 December 2023, 03:26 PM IST

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