इसकी रोकथाम के लिए बुवाई से पूर्व बीज को इमीडाक्लोप्रिड पावडर 2 ग्राम/किलो की दर से उपचारित करें, तत्पश्चात् बुआई करें. मानसून पूर्व शुष्क बुवाई करना ज्यादा प्रभावी है. शुष्क बुवाई नहीं करने पर मानसून वर्षा के साथ ही बुआई करें, विलंब न करें. देरी से बोई गई फसल में इस कीट का प्रकोप ज्यादा गंभीर होता है.
अनुशंसित पौध अंतरण पर बुआई करें. संतुलित उर्वरकों का अनुशंसित मात्रा में, विशेषकर नाईट्रोजन की मात्रा का प्रयोग अधिक न करें. जिन क्षेत्रों में खरीफ की मक्का ली जाती है, उन क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन मक्का न लें तथा अनुशंसित फसल चक्र अपनाएं. अंतवर्ती फसल के रूप में दलहनी फसल मूंग, उड़द लगाएं.
प्रारंभिक अवस्था में लकड़ी का बुरादा, राख एवं बारीक रेत पौधे की पोंगली में डालें. जैविक कीटनाशक के रूप में बीटी 1 किग्रा प्रति हेक्टेयर अथवा बिवेरिया बेसियाना 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर का छिडक़ाव सुबह अथवा शाम के समय करें. लगभग 5 प्रतिशत् प्रकोप होने पर रासायनिक कीटनाशक के रूप में फ्लूबेन्डामाइट 20 डब्ल्यूडीजी 250 ग्राम प्रति हेक्टेयर या स्पाइनोसेड 45 ईसी, 200-250 ग्राम प्रति हेक्टेयर या इथीफेनप्रॉक्स 10 ईसी 1 लीटर प्रति हेक्टेयर या एमिमामेक्टिन बेंजोएट 5 एसजी का 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर में कीट प्रकोप की स्थिति अनुसार 15-20 दिन के अंतरालन पर 2-3 बार छिडक़ाव करें.
प्रथम छिडक़ाव बुआई के बाद 15 दिन की अवधि में अवश्य करें. दानेदार कीटनाशकों का उपयोग पौधे की पोंगली में (5 से 7 दाने प्रति पोंगली) करें. ऊपर दिए गए उपायों से इस कीट को आसानी से रोका जा सकता है.
क्या है फॉल आर्मी वार्म (What is Fall Army Warm?)
फॉल आर्मी वार्म एक प्रकार की इल्ली है. यह खेती जिस फसल पर लग जाती है. उसको पूरी तरह से ख़राब कर देती है. यह चार अवस्थाए होती है पहले तो अंडा बनता है. इसी अंडे से लार्वा बनता है. यह तैयार होने में 14 से 15 दिन का समय लेता है. इसी लार्वे से प्यूपा बनता है और प्यूपा से यह पूरा व्यस्क कीट बन जाता है. इसका पूरा जीवनकाल 60 से 90 दिन होता है. इसका प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है.