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Updated on: 23 January, 2019 3:44 PM IST

पपीता एक ऐसा फल है जिसे भारत में अधिक तरजीह नहीं दी जाती या यूं कहें कि पपीते को भारत में वो स्थान नहीं दिया गया जो दूसरे फलों को दिया गया. चाहे वो कृषि का क्षेत्र हो या व्यवसाय का, पपीता सिर्फ चाट-फूड के लिए ही जाना गया. यदि आपके पास ज़मीन है और आप परंपरागत खेती से हटकर कुछ अलग करना चाहते हैं तो ये लेख आपके लिए ही है.

पपीता और इसकी खेती

पपीता एक ऐसा पौधा है जो कईं गुणों से भरा-पूरा है. पपीते को पेट के लिए उत्तम औषधि माना जाता है. इसके अलावा इसे चाट के रुप में भी बहुत पसंद किया जाता है. ऐसा कोई विवाह समारोह नहीं होता जिसमें पपीते को चाट के रुप में न रखा जाता हो. पपीता मुख्य तौर पर एक ऐसा फल है जिसकी डाली, टहनी, पत्ते और फल, सब उपयोगी हैं. अब बात करते हैं इसकी खेती के बारे में -

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पपीते की खेती महाराष्ट्र में अधिकाधिक रुप से की जाती है. इसके अलावा बहुत से मैदानी इलाकों में भी इसकी खेती अच्छे स्तर पर की जाती है. परंतु पहाड़ों में इसकी खेती करके किसान एक महीने में 25000 हज़ार या इससे अधिक का मुनाफा कमा रहे हैं.

कैसे कमा रहे हैं 25000

उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ जिले में इन दिनों पपीते की खेती ने सब किसानों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. यहां की ज़मीन पपीते के लिए उन्नत और बेहतर है. यहां के किसानों ने इंटरनेट का सहारा लेकर पपीते की खेती शुरु की और पपीते के बारे में जानकारी जुटाई. पपीते की खेती से तो इन किसानों को उतना ही मुनाफा हो रहा था जितना दूसरे किसानों को, परंतु यहां के किसानों ने पपीते के दूसरे गुणों का व्यापार करना शुरु किया. जैसे- पत्ते, डालियां, बीज इत्यादि. यह किसान पपीते के इन भागों को दवाई बनाने वाली कंपनियों को ऊंचे दामों में बेच रहे हैं जिससे इन्हें मनचाहा दाम मिल रहा है और इनकी आमदनी एक महीने में 25000 या इससे अधिक हो रही है.

क्यों बिक रहा है पपीता

पपीते से हो रही आमदनी दिनोंदिन बढ़ रही है. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि शहरों में लोगों का स्वास्थ्य बहुत खराब होता जा रहा है जिसका कारण इनकी इम्यून शक्ति का कम होना है और पपीता इसी इम्यून शक्ति को बढ़ाकर शरीर को स्वस्थ रखने का काम करता है, इसलिए दवाईयों के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पपीते की अच्छी कीमत मिल जाती है.

English Summary: how to start papaya farming
Published on: 23 January 2019, 03:47 PM IST

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