मशरूम उत्पादन तकनीक एवं सस्योत्तर प्रबंधन, विषय पर पांच दिवसीय (22-26 अगस्त 2022) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो कि राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, नई दिल्ली (National Horticultural Research And Development Foundation, New Delhi) में आयोजित हुआ. इसमें विभिन्न राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान , हरियाणा, बिहार, जम्मू कश्मीर, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड एवं दिल्ली के प्रशिक्षणार्थी शामिल हुए.
इस समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ बी.के. पांडे (सहायक महानिदेशक (सेवा निवृत), उदयान कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार) रहे. संस्थान के निदेशक डॉ पी के गुप्ता ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए प्रशिक्षण पर प्रकाश डाला. मुख्य अतिथि ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग प्रशिक्षण लेकर मशरूम उत्पादन का व्यवसाय कर सकते है, जिसकी आज के समय में बहुत मांग है. इसके साथ ही उन्होंने खादय सरक्षा, पोषण सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा के बारे में भी विस्तार से चर्चा की.
इस दौरान उन्होंने कुछ खेती से संबंधित जैसे मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन और जौ खेती की waste उत्पाद जैसे धान का प्रवाल और गेहूं का भूसा को न जलाकर कैसे सही से निस्तारण करें, इसके बारे में बहुत अच्छे ढंग से बताया. इसके साथ यह भी बताया कि आप लोग मशरूम का बीज बनाकर भी इस व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं.
निदेशक ने इस प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कहा कि मशरूम उत्पादन विषय पर प्रशिक्षण लेकर किसान एवं बेरोजगार लोग स्वरोजगार अपना कर अपने खुद के व्यवसाय से अधिक से अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं.
उन्होंने बताया कि मशरूम खाना क्यों जरूरी है और इसे खाने के क्या फायदे हैं. इस पर विस्तार से बताया तथा मशरूम का महत्व एवं आसपास के क्षेत्रों में इसकी खेती की उपयोगिता के बारे में भी बात की. बता दें कि इस दौरान डॉ.रजनीश मिश्रा, उपनिदेशक (बागवानी), मनोज श्रीवास्तव, उप निदेशक, पी के रमेशबाबू, उपनिदेशक, संजय सिंह, सहायक निदेशक, डॉ.एस.के.तिवारी, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी एवं एस.सी.तिवारी, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी भी सम्मलित हुए.
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इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एस.सी.तिवारी,वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी ने प्रशिक्षणार्थियों को राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला तथा मशरूम की खेती कैसे की जाती है उसके बारे में भी विस्तार से बताया. मशरूम की विभिन्न किस्मों जैसे बटन मशरूम, ढींगरी मशरूम, मिल्की मशरूम, शीटाके मशरूम तथा रिशी मशरूम की खेती की जानकारी विस्तार से दी और मशरूम की खेती में कौन-कौन सी समस्या आती हैं और उसका निवारण कैसे किया जाता हैं वह भी बताया.
इस प्रशिक्षण में आईएआरआई पूसा के अनुभवी वैज्ञानिकों ने NHRDF परिसर में आकर प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न जानकारियां दी. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मशरूम क्षेत्र भ्रमण HAIC,मुरथल सोनीपत में भी कराया गया.
डॉ.रजनीश मिश्रा उपनिदेशक (बागवानी)
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