Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 5 April, 2020 2:50 PM IST

किसानों के लिए लॉकडाउन सबसे बड़ी मुसीबत बन चुका है. बता दें, लॉकडाउन में किसानों को कृषि कार्य ( कटाई, थ्रेशिंग आदि) करने की छूट दी गई है. इतनी छूट मिलने के बावजूद भी किसानों को मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. हालांकि सरकार इसे कम करने का प्रयास कर रही है. अगर मध्यप्रदेश की बात करें तो लॉकडाउन के चलते कई बार समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी का काम टाला जा चुका है. समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी बार-बार टलने से किसानों को अपने आनाज बचाकर रखना बड़ी चुनौती बन गया हैं. घर के आंगन और खलिहानों में खुले आसमान के नीचे आनाज के ढेरों को संभालना नया काम बन गया है.बता दें, पहले सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की डेट 25 मार्च तय की थी. जिसे बाद में बढ़ाकर 1 अप्रैल कर दिया गया था. अब फिर एक बार समर्थन मूल्य पर अनाजों की खरीदी को लेकर सरकार ने नए निर्देश जारी किए है. इस निर्देश में बताया गया है कि कोरोना संक्रमण के कारण समर्थन मूल्य पर अनाजों की खरीदी अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दी गई है. 

सरकार आकड़ों के अनुसार प्रदेश के लगभग हर जिले में औसतन 1 लाख 50 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की खेती होती है. अनुमानित 20 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन होने से किसानों के घर-आंगन अनाज से भरे हैं. प्रत्येक साल किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली में अनाज भरकर सीधे केन्द्रो पर ले जाते हैं. जिससे किसानों को गेहूं भंडारण की चिंता नहीं होती थी. बहुतेरे किसान तो ऐसे हैं जिनके पास भूमि की भी कमी है. इस स्थिति में इतनी अधिक मात्रा में उपज को कैसे सुरक्षित रखेगें.बात दें, किसानों की इस दिक्क्त को दूर करने के लिए नीमगांव के किसान पूनम पंवार ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को ई-मेल से सुझाव भेजा है कि आवेदित  किसानों को बोरियां (बारदान) उपलब्ध करा दी जाएं. इस समय लॉकडाउन के चलते किसान घर में रह रहा है. इसके साथ ही पंवार ने  ई-मेल में लिखा कि बारदान होने किसान कोराना संक्रमण से बचाव के लिए 1 मीटर की सामाजिक दूरी बनाए रखने, सेनिटाइज करने आदि सुरक्षात्मक उपाय आसानी कर सकते हैं.

English Summary: How to sell crops at support price in lockdown
Published on: 05 April 2020, 02:54 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now