बारिश के मौसम में खांसी, जुकाम, बुखार होना एक आम बात होती है, लेकिन इन दिनों यह एक चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि इन दिनों डेंगू के मामले काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं और इसके अलावा डेंगू के मरीजों में कोरोना के लक्षण भी देखने को मिले हैं जिसके चलते लोग भी भ्रमित हो जाते हैं.
डेंगू और कोरोना के लक्षणों में सामानता
तेज बुखार, सिरदर्द, दाने और मांसपेशियों और जोड़ों में परेशानी डेंगू के लक्षणों में से हैं, जो कि काफी हद तक COVID-19 संक्रमण से मिलते-जुलते हैं. अन्य लक्षणों में, COVID-19 में बुखार, ठंड लगना, शरीर में दर्द, थकान और सिरदर्द शामिल हैं. इन स्थितियों में डॉक्टरों के लिए यह निर्धारित करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है कि मरीज COVID पॉजिटिव है या नहीं.
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डेंगू और कोरोना पर विशेषज्ञ की राय
अपोलो हॉस्पिटल्स के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरनजीत चटर्जी के मुताबिक, ''कोविड के मामले अभी कम हो रहे हैं, लेकिन वायरस अभी भी बना हुआ है. मैं अभी भी अपनी ओपीडी में कोविड के मामले देख रहा हूं. पिछले 3-4 दिनों में दो मामले सामने आए. ओपीडी में और एक बाद में आईसीयू में पाया गया. हालांकि, औसतन अभी डेंगू का संक्रमण बढ़ रहा है."
"बुखार, शारीरिक दर्द और सिरदर्द कुछ ऐसे लक्षण हैं जो डेंगू और कोविड दोनों साझा करते हैं, इसलिए ऐसी परिस्थितियों में हमेशा इस तरह की निश्चितता के साथ निदान नहीं किया जा सकता है. सटीक संक्रमण का निर्धारण करने के लिए, इसलिए हम कोविड और डेंगू परीक्षण दोनों की सिफारिश कर रहे हैं. कुछ मामलों में टाइफाइड और मलेरिया की जांच भी कराई जाती है.
कैसे जानें डेंगू और कोरोना में अंतर
डॉ. सुरनजीत चटर्जी के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को लगातार तेज बुखार के बिना गले में खराश और खांसी है तो एक व्यक्ति को COVID-19 वायरस होने की संभावना है.जब डॉक्टर लक्षणों के आधार पर अंतर बता सकता है तो रोगी को डेंगू परीक्षण की आवश्यकता नहीं होती है.
सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने पिछले कुछ दिनों के दौरान ओपीडी में जाने वाले डेंगू रोगियों की संख्या में वृद्धि देखी है. उनमें से अधिकांश, डॉक्टरों के अनुसार, बुखार, खांसी, गले में खराश, शारीरिक परेशानी या सिरदर्द और कभी-कभी दोनों की शिकायत कर रहे हैं.
प्लेटलेट और श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी डेंगू बीमारी के परिणामस्वरूप हो सकती है. एक स्वस्थ व्यक्ति का शरीर आमतौर पर 1.5 से 4 लाख के बीच प्लेटलेट काउंट बनाए रखता है. डेंगू के मरीजों के मामले में यह संख्या 20,000 से 40,000 तक कम हो सकती है.