Kachri Farming: कचरी की खेती कैसे करें? जानें पूरी विधि, लागत और मुनाफा Weather Update: 2 जुलाई तक इन 5 राज्यों में भारी बारिश की संभावना, IMD ने जारी की चेतावनी किसानों की ताकत बढ़ाने एडीग्रो एक नया चेहरा! कंपनी के निदेशक अजय जावला ने लॉन्च किया एडीग्रो ब्रांड का लोगो और कृषि उत्पाद किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 5 February, 2019 5:30 PM IST

एक बात तो अपने देश में आम हो चुकी है कि किसान या आम आदमी अपने हक़ के लिए धरना करते हैं तो उनपर पुलिस लाठियां बरसा देती है. ऐसा ही फिर एक बार उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में देखने को मिला है, जहाँ पर किसान गन्ना भुगतान की मांग को लेकर धरना कर रहे थे. इन किसानों पर यूपी पुलिस ने जमकर कहर बरपाया. गन्ने भुगतान की मांग को लेकर आजाद किसान यूनियन के बैनर तले किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. यही किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने डीएम ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया. इसी दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. जिसके चलते पुलिस ने पहले प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की उसके बाद जमकर लाठियां भांजी.

आजाद किसान युनियन के लीडर का कहना है कि 3 चीनी मिलों ने अभी तक किसानों के करोड़ों रूपयों का भुगतान नहीं किया है.  अब जिला प्रशासन किसान पर लाठी चला कर अन्नदाता की आवाज को दबाना चाहता है. यदि जल्द ही गन्ना किसानों को भुगतान नहीं किया जाता तो किसान नई रणनीति के तहत आंदोलन करेंगे.

जिले के डीएम अटल कुमार राय का कहना है कि किसान ऑफिस के सामने आत्महत्या करने का प्रयास कर रहे थे जिसके चलते उन्हें रोकने के लिए जिला प्रशासन लाठी चार्ज करने को मजबूर हुआ. उन्होंने आगे कहा की धरने के दौरान आत्मदाह करने का अधिकार क़ानून नहीं देता. इसके लिए प्रसाशन ने पहले हल्के पानी के बौछार का प्रयोग किया.  उन्होंने कहा की जल्द ही इन किसानों का बकाए का भुगतान कर दिया जाएगा.

प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण

English Summary: How long will the sticks be on the farmers
Published on: 05 February 2019, 05:38 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now