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Updated on: 13 February, 2023 3:30 PM IST
‘कॉउ हग डे’ को लेकर लोगों की राय

हाल ही में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा लोगों से अपील की गई थी कि 14 जनवरी को ‘कॉउ हग डे’ के रुप में मनाया जाए, मगर फिर इस फैसले को रद्द कर दिया गया. अब लोगों के मन में यह सवाल उठ रहे होंगे कि फैसले को वापिस क्यों लिया गया.

हिन्दू धर्म में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है और गाय को पूज्यनिय भी माना गया है. गाय से उत्पादित हर एक चीज में औषधिय गुण पाया जाता है. अब ऐसे में लोगों के मन में गायों के प्रति प्रेम हमेशा से ही बना हुआ है.

दरअसल, वैलेंटाइन के दिन गायों को गले लगाने की अपील इसलिए की गई थी क्योंकि सरकार का मानना था कि पश्चिमी संस्कृति (Western Culture)  की प्रगति को देखते हुए हमारी वैदिक परंपराएं विलुप्ती के कगार पर जा रही हैं.

लेकिन क्या वाकई सिर्फ वैलेंटाइन डे पर गायों को गले लगाने से हमारी वैदिक परंपरा को खोने से बचाया जा सकता है? चलिए इसका जवाब उदाहरण के साथ जानते हैं.

पशुपालकों अपनी गायों को बखूबी प्यार देते हैं और उन्हें अपनी पशुओं स्वभाव के बारे में भी पूरी जानकारी होती है कि उन्हें क्या पसंद है और क्या नहीं. मगर ऐसे में यदि कोई बाहर का व्यक्ति केवल एक दिन के लिए गाय को गले लगाने के लिए आता है, तो हो सकता है गाय उसपर हमला भी कर दें. यदि हम इसे उदाहरण से समझें तो हम किसी दूसरे व्यक्ति को तब तक गले नहीं लगा सकते हैं जब तक कि हमारे दिल में सामाने वाले के प्रति प्रेम का सदभाव नहीं होगा.

‘कॉउ हग डे’ पर लोगों की राय

हमने जब कृषि जागरण के कर्यालय में ‘कॉउ हग डे’ को लेकर लोगों से सवाल किया तो उनमें से अधितकर लोग ‘कॉउ हग डे’ के विचार से सहमत नहीं थे. जिसमें समीर का कहना था कि पहले इंसान को इंसान के साथ प्यार बांटने की आवश्यकता है, यदि लोगों के बीच प्यार बना रहा तो हमारे समाज भाईचारा बना रहेगा, जो कि अभी की स्थिति के लिए बहुत ही जरूरी है. तो वहीं रविंद्र का मानना है कि सरकार का यह फैसला केवल वैलेंटाइन डे के काउंटर पर मनाया जा रहा है. साथ अनामिका का मानाना है कि पहले इंसान ही इंसान को हग कर ले वहीं बहुत बड़ी बात है. मनीषा का मानना है कि सड़क पर घूम रही बेसहारा खड़ी गाय को सिर्फ गले लगाने से कुछ नहीं होगा, लोग जाकर गले लगाएंगे फिर सोशल मीडिया में फोटो डालेंगे लेकिन वह गाय वहीं की वहीं ही रहेगी, बजाय इसके लोगों को गाय को अपने घर लाना चाहिए.

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हालांकि सरकार ने इस फैसले को जल्द ही वापस ले लिया था. मगर जिनके पास गाय है वह रोज ही अपने गाय से बातचीत और गले लगाते ही है. केवल एक दिन गाय को गले लगाने से क्या हमारी वैदिक परंपरा वापिस आ सकती हैबजाए इसके लोगों को रोजाना गाय और अन्य पशुओं को खाना खिलाना चाहिए. सड़कों पर अभी भी ना जानें कितनी गायें हादसे का शिकार हो जाती हैं इसकी रोकथाम के लिए गायों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के लिए मुहिम चलानी चाहिए. इसके अलावा सरकार के साथ लोगों को भी गायों के लिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम करना चाहिए.

नोट- इस लेख का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है.

English Summary: How correct is the decision of Cow Hug Day on Valentine's Day, know people opinion
Published on: 13 February 2023, 03:07 PM IST

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