Horticulture Production: देश में इस बार बागवानी उत्पादन नया रिकॉर्ड बना सकता है. केंद्र सरकार ने अनुमान लगाया है की 2022-23 का बागवानी उत्पादन 351.92 मिलियन टन हो सकता है, जो वर्ष 2021-22 की तुलना में लगभग 4.74 मिलियन टन ज्यादा है. वर्तमान समय में भारत दुनिया में सब्जियों और फलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। केला, नींबू, नीबू, पपीता, भिंडी जैसी कई फसलों के उत्पादन में देश पहले स्थान पर है. भारत सरकार और राज्य सरकारों की सक्रिय नीतियों और पहलों और बेहतर फसल उत्पादन प्रौद्योगिकियों और प्रबंधन प्रथाओं के कारण देश में बागवानी उत्पादन पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ रहा है.
बागवानी के समग्र विकास, क्षेत्रफल बढ़ाने, उत्पादन और फसल कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए, सरकार 2014-15 से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र प्रायोजित योजना, एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) लागू कर रही है. एमआईडीएच के तहत, क्वालिटी से भरी रोपण सामग्री के उत्पादन, फलों, सब्जियों, मसालों और वृक्षारोपण फसलों के क्षेत्र विस्तार हो रहा है. संरक्षित खेती और कटाई के बाद के प्रबंधन, बुनियादी ढांचे के निर्माण, किसानों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण आदि के लिए सहायता दी जा रही है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन लागू करेगी सरकार
भारत सरकार चावल, गेहूं, मोटे अनाज, पोषक अनाज (श्री अन्ना) और दालों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) लागू कर रही है. एनएफएसएम के तहत, प्रथाओं के बेहतर पैकेज पर क्लस्टर प्रदर्शन, फसल प्रणाली पर प्रदर्शन, बीज उत्पादन और उच्च उपज वाली किस्मों (एचवाईवी)/संकरों के वितरण, उन्नत कृषि मशीनरी/संसाधन संरक्षण मशीनरी/उपकरण, कुशल जल अनुप्रयोग उपकरण, पौध संरक्षण उपाय, पोषक तत्व प्रबंधन/मिट्टी सुधार, प्रसंस्करण और कटाई के बाद के उपकरण, फसल प्रणाली आधारित प्रशिक्षण, आदि जैसे हस्तक्षेपों के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के माध्यम से किसानों को सहायता प्रदान की जा रही है.
मिशन पर कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने क्या कहा?
इस मिशन ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू), कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) को भी विषय विशेषज्ञों/वैज्ञानिकों की देखरेख में किसानों को प्रौद्योगिकी की कमी से निपटने और प्रौद्योगिकी हस्तानांतरण की व्यवस्था के लिए भी सहायता प्रदान की है. यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी.