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Updated on: 4 May, 2025 10:21 AM IST
पूसा कृषि विश्वविद्यालय का शुद्ध सहद ₹800 किलो तक बिका, मांग के आगे सप्लाई फेल

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा समस्तीपुर में छह दिवसीय मधुमक्खी पालन कार्यक्रम की शुरुआत की गई. यह प्रशिक्षण दो मई से सात मई तक चलेगा. जिसका विषय है "मधु उत्पादन में वैज्ञानिक पद्धति द्वारा उद्यमों को मजबूत बनाना और मधु का मूल्य संवर्धन'. कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को मधुमक्खी पालन और मधु उत्पादन के क्षेत्र में उद्यमी बनाने को लेकर प्रशिक्षित करना है. जिससे वे अपने व्यवसाय को मजबूत बना सकें और अधिक आय अर्जित कर सकें. कार्यक्रम में बोलते हुए कुलपति डॉ. पी. एस. पांडेय ने कहा कि मधु उत्पादन एक लाभकारी कृषि व्यवसाय है. उन्होंने कहा कि किसानों को मधु की मार्केटिंग और उचित मूल्य पाने के लिए प्रबंधन के गुर सीखने होंगे.

कुलपति ने बताया कि प्रबंधन और मूल्य संवर्धन के कारण जो मधु विश्वविद्यालय में तीन सौ रुपए किलो बेचा जा रहा था, वो आज आठ सौ रुपए किलो तक बिक रहा है और देश भर में इसकी इतनी मांग कि विश्वविद्यालय इसे पूरा नहीं कर पा रहा है.

कुलपति डॉ पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय मघु के जीआई टैगिंग को लेकर भी प्रयास कर रहा है और जीआई टैगिंग के बाद मधु के दाम में और बढ़ोतरी होगी जिससे किसानों को फायदा होगा. निदेशक अनुसंधान डॉ. ए के सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय किसानों के हित में लगातार कार्य कर रहा है और मधु किसानों को विश्वविद्यालय से जुड़ कर अपना व्यवसाय करना चाहिए. निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. मयंक राय ने कहा कि मधुमक्खी पालन एक कल्याणकारी व्यवसाय है क्योंकि इससे न सिर्फ पर्यावरण को संरक्षित रखने में सहयोग मिलता है, बल्कि फसलों और फलों के उत्पादन में भी वृद्धि होती है.

कृषि व्यवसाय एवं ग्रामीण प्रबंधन संकाय के निदेशक डॉ. रामदत्त ने मधु के मूल्य संवर्धन के बारे में चर्चा की. कार्यक्रम का आयोजन सहायक प्राध्यापक डॉ. मोहित कुमार के निर्देशन में किया गया. कार्यक्रम राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड द्वारा प्रायोजित किया गया था. धन्यवाद ज्ञापन डॉ. साईं रेड्डी ने किया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 7 जिला के 50 किसानों को मधुमक्खी पालन और मधु उत्पादन के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और प्रबंधन पद्धतियों के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिससे वे अपने व्यवसाय को और अधिक लाभदायक बना सकें. कार्यक्रम के दौरान कीट विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ उदयन मुखर्जी, डॉ रश्मि सिन्हा समेत विभिन्न शिक्षक वैज्ञानिक एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे.

रिपोर्ट: रामजी कुमार, एफटीजे समस्तीपुर, बिहार

English Summary: Honey of Pusa Agricultural University sold at Rs 300 to 800 per kg university is unable to meet the supply
Published on: 05 May 2025, 10:25 AM IST

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