हमारे किसान भाई बड़ी मेहनत से खेतों में अन्न की पैदावार करते हैं, लेकिन हम अपने किसान भाइयों द्वारा उगाए गए अन्नों को प्राप्त करने के लिए आमतौर पर मंडियों पर ही निर्भर रहते हैं और इस रिपोर्ट में हम आपको मंडियों के हालिया सुरत-ए-हाल से रूबरू कराने जा रहे हैं. यूं तो मंडियों में अलग-अलग अनाज का अलग-अलग सुरत-ए-हाल है, लेकिन हम आपको अपनी इस खास रिपोर्ट में तेल, तिलहन और चने की स्थिति से रूबरू कराने जा रहे हैं. बता दें कि मंडियों में किसी भी अनाज की कीमत उसके मांग व पूर्ति पर निर्भर रहती है. जैसे जिसकी मांग होती है, ठीक उसी प्रकार से उसकी कीमत तय हो जाया करती है.
चने का सुरत-ए-हाल
वही, चने के इतर तेल व तिलहन की कीमतों में भी इजाफे का सिलसिला जारी है. तो चलिए इस रिपोर्ट में सबसे पहले बात करते हैं चने की. चने की पैदावार में कमी आने की वजह से मंडियों में इसकी आवक कम हुई है और ग्राहकों की तरफ से इसकी मांग में भारी वृद्धि दर्ज की जा रही है, जिसके चलते अब चने की कीमत में वृद्धि का सिलसिला तेजी से शुरू हो चुका है. खैर, अब चने की कीमत में वृद्धि का यह सिलसिला कहां जाकर विराम लेता है. यह तो फिलहाल आने वाले मंडियों का सुरत-ए-हाल ही निर्धारित करेगा.
सोयाबीन
वहीं, अगर सोयाबीन की बात करें, तो इसके हालात भी कुछ खास दुरूस्त नजर नहीं आ रहे हैं. सोयाबिन की कीमत में भी लगातार इजाफे की कड़ी जारी है, मगर व्यापारियों द्वारा लगातार इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले कुछ दिनों में सोयाबीन की कीमत में नरमी दर्ज की जा सकती है.
सोयाबीन की कम उत्पादकता के चलते इसकी कीमत में तेजी का सिलसिला शुरू हो चुका है. खैर, अब आगे क्या कुछ होता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.