पिछले कुछ दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम में अपना अलग-अलग मिजाज दिखाया है. कहीं, कड़ाके की ठंड पर रही है तो कहीं बारिश ने कहर मचा रखा है. जिसका सीधा असर किसानों को फसलों पर पड़ा है. इस बार किसानों को मौसम की बेरुखी का सामना करना पड़ा है. जब किसानों को बुवाई से पहले बारिश की आवश्यकता थी, तब बारिश हुई नहीं और अब जब खेतों में फसल उग आई थी, तब बेमौसमी बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है.
फसलों को भारी नुकसान
उत्तर भारत समेत दक्षिण के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से मौसम खराब बना हुआ है. जिस वजह से बागवानी समेत सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. बेमौसमी बारिश ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, क्योंकि किसानों को समय से पहले अपनी फसलों की कटाई करनी पड़ रही है. इतना ही नहीं, किसानों को कम दामों पर उपनी उपज बाजारों में बेचनी पड़ रही है. जिससे उन्हें घाटा हो रहा है.
बेमौसमी बारिश के चलते टमाटर, पत्ता गोभी, और फूल गोभी सहित कई अन्य प्रभावित हुई हैं.
समय से पहले करनी पड़ रही है कटाई
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खराब मौसम और भारी बारिश के चलते फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. खेतों में कटाई के लिए तैयार खड़ी फसल खराब हो गई है और जो फसल बची है, उसे बेहद कम दाम मिल रहे हैं. भारी बारिश के चलते टमाटर की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. बारिश की वजह से टमाटर खराब होने लगा है. जबकि गोभी की फसल भी खराब हो रही है. यही वजह है की किसानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं.
10 रुपये से भी कम हो गया रेट
मौसम की मार से परेशान किसानों की बची हुई फसल भी काफी कम दामों में बिक रही है. किसानों को ये भी डर सता रहा है कि कहीं बची हुई बाकि फसल भी खराब ना हो जाए. रिपोर्ट्स के अनुसार किसान अपने टमाटर की फसल को 10 रुपये प्रति किलो के दामों में बेचने मजबूर हैं. वहीं, गोभी के भीम की कीमत 15 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. अनेक किसानों के लिए गोभी फसल भी कम दाम में नहीं बिक रही है.
इसके अलावा, भिंडी, लौकी, करेला सहित अन्य फसलों पर भी मौसम का प्रभाव देखने को मिल रहा है. इसलिए किसानों को समय से पहले ही फसलों की कटाई करनी पड़ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फसलों के दामों में काफी गिरावट आई है. टमाटर कीमतें 10 रुपये से लेकर 20 रुपये के बीच हैं. जबकि गोभी की कीमतें लगभग 50 रुपये से घटकर 15 रुपये से 20 रुपये के बीच आ गई हैं.