देश में कर्जमाफी महज एक मजाक बन कर रह गई है. मध्य प्रदेश से मीडिया में लगातार खबरें आ रही हैं कि राज्य में किसान बिना कर्ज लिए ही कर्जदार बन गए हैं. इस सदमे वाली कर्जमाफी योजना ने तो मरे हुए किसानों को भी जिंदा कर दिया है.
प्रदेश के सागर जिले में एक किसान को मरे हुए लगभग 25 साल हो चुके हैं लेकिन साल 2019 की कर्जमाफी योजना के आकड़ो के मुताबिक यह किसान साल 2014 तक नहीं मरा था बल्कि जिंदा था. इतना ही नहीं उसने किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 80 हजार रूपये का लोन भी ले लिया था. जब मरे हुए किसान का नाम कर्जमाफी की लिस्ट में देखा तो उनके होश ही उड़ गए क्योंकि 25 साल पहले उन्होंने अपने ही हाथों से उनका अंतिम संस्कार किया था. भला कोई मरा हुआ आदमी कैसे जिंदा हो सकता है.
सागर जिले के एसडीएम डीपी द्ववेदी को इस घटना का ज्ञापन देने आए लोगों ने बताया कि गांव चमारी निवासी मुन्नी आदिवासी का 25 साल पहले ही हत्या हो गई थी. अपने इस ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने बताया कि साल 2019 की कर्ज माफी योजना में उनका भी नाम शामिल है.
बता दें कि साल 2014 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की वीना ब्रांच से मरी हुई औरत के नाम से 80 हजार रुपए लोन जारी किया गया है. ज्ञापन में लिखा गया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इसके अलावा प्रदेश में गलत सूची या फर्जी लोन कर्ज माफी योजना के बहुत से मामले आ चुके हैं. ऐसे में यह सवाल उठाना तो लाजमी है कि क्या कर्जमाफी की सूची आंख बंद करके तैयार की जा रही है या किसी ने किसानों के नाम से फर्जी लोन उठा रखे हैं.