Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 3 September, 2022 4:38 PM IST
Health report of Soybean Crop

सोपा (SOPA, The Soybean Processors Association of India) अधिकारियों की दो टीमों द्वारा 16 और 31 अगस्त, 2022 के बीच सोयाबीन फसल का व्यापक क्षेत्र में सर्वेक्षण किया गया था. टीमों ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों में 5787 किलोमीटर की दूरी तय की और सोयाबीन के खेतों का दौरा किया और बड़ी संख्या में किसानों के साथ बातचीत की. इस सर्वेक्षण के आधार पर फसल स्वास्थ्य और क्षेत्र की रिपोर्ट नीचे दी गई है.

Report-

 State -wise Area under Soybean Cultivation

State

Area in Lakh ha. 2021

Area in Lakh ha. 2022

As per Govt.

As per Govt.

As per SOPA

MADHYA PRADESH

55.685

55.688

50.183

MAHARASHTRA

46.171

43.849

48.753

RAJASTHAN

10.627

9.254

11.514

TELENGANA

3.488

3.488

1.736

KARNATAKA

3.827

3.827

4.364

CHATTISGADH

0.513

0.513

0.400

GUJARAT

2.237

2.237

2.215

OTHER STATES

1.129

1.129

1.264

G.TOTAL

123.677

119.984

120.429

इस रिपोर्ट में लिए गए क्षेत्र, सरकार के अनुसार हैं. सैटेलाइट इमेजरी के माध्यम से SOPA का अपना क्षेत्र अनुमान प्रक्रियाधीन है और रिपोर्ट सितंबर के तीसरे सप्ताह में उपलब्ध होगी.

पूरे भारत में सोयाबीन की फसल सामान्य से अच्छी स्थिति में है. वनस्पति विकास उत्कृष्ट है. अधिकांश फसल फूलने और फली बनने की अवस्था में होती है. सोयाबीन के खेत ज्यादातर खरपतवार मुक्त होते हैं और इसमें कीड़ों या बीमारियों का कोई खास हमला नहीं होता है.

अत्यधिक और लगातार बारिश के कारण महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में निचले इलाकों में जलजमाव देखा गया है, जिससे पत्तियां पीली हो गई हैं और इन क्षेत्रों में फसल को कुछ नुकसान हो सकता है और उपज का नुकसान भी हो सकता है. पीला मोज़ेक किसी भी राज्य में एक बड़ी चिंता का विषय नहीं है.

ये भी पढ़ें- “किसान की बीज ना बदलने की सोच” सोयाबीन को नुकसान की खेती बना रही

यदि सितंबर में मौसम अनुकूल रहता है और तापमान में अचानक और महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होता है और फली भरने के चरण या कटाई के समय लगातार बारिश नहीं होती है, तो हम इस साल सोयाबीन की अच्छी फसल लेने की उम्मीद करते हैं.

जिलेवार/मंडलवार सोयाबीन की बुवाई के रकबे का विवरण (Details of District-wise/Division-wise Soybean sowing acreage) आप नीचे दिए गए PDF को ओपेन करके चेक कर सकते हैं-file:///C:/Users/Atul%20i5/Downloads/Soybean%20Sowing%20Area%20(1).pdf

English Summary: Health report of Soybean Crop released, many shocking figures came out
Published on: 03 September 2022, 04:45 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now